कंपनी अधिनियम और मौजूदा सहकारी अधिनियम के बीच संतुलन बनाकर नया कानून लाया जाना चाहिएः गडकरी
मुंबई, 12 मई (हि.स.)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने सोमवार को पुणे में कहा कि महाराष्ट्र में एक नया कानून लाया जाना चाहिए, जो मौजूदा कंपनी अधिनियम और सहकारी क्षेत्र अधिनियम के बीच संतुलन बनाएगा। गडकरी सोमवार को पुणे जिले
फोटो: पुणे में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी


मुंबई, 12 मई (हि.स.)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने सोमवार को पुणे में कहा कि महाराष्ट्र में एक नया कानून लाया जाना चाहिए, जो मौजूदा कंपनी अधिनियम और सहकारी क्षेत्र अधिनियम के बीच संतुलन बनाएगा।

गडकरी सोमवार को पुणे जिले के सुपा में साहूकारों के खिलाफ आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में सहकारी आंदोलन केवल महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, केरल तथा देश के कुछ अन्य राज्यों में ही है। केंद्र सरकार ने इस आंदोलन को पूरे देश में फैलाने के लिए नए सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से काम शुरू कर दिया है। सहकारी आंदोलन ने कई मजदूर वर्ग, गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के जीवन में सकारात्मकता लाया है।

उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में लाने में बहुत अच्छा काम किया है। महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक को निश्चित रूप से इन सामाजिक और आर्थिक प्रभावों का अध्ययन करना चाहिए। सहकारी क्षेत्र को आम आदमी के कठिन परिश्रम वाले जीवन को सहने योग्य बनाने के लिए काम करना चाहिए। सहकारी आंदोलन ने डेयरी क्षेत्र में महान योगदान दिया है।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सहकारिता आंदोलन की सराहना करते हुए कहा कि इससे निश्चित रूप से किसानों के जीवन में आर्थिक समृद्धि आई है।

साहूकारी व्यवस्था के विकल्प के रूप में सहकारिता आंदोलन का जन्मः शरद पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि 12 मई 1875 को पुणे जिले के सुपा में साहूकारों के खिलाफ विद्रोह हुआ। इस विद्रोह ने साहूकारी प्रणाली के विकल्प के रूप में सहकारी आंदोलन को जन्म दिया। साहूकारों के शोषण के कारण किसान और गरीब लोग हताश थे, उन्हें इस शोषण से मुक्त कराने के लिए साहूकारों के खिलाफ एक बड़ा विद्रोह हुआ।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद शरद पवार ने कहा कि सहकारी आंदोलन इसी विद्रोह के कारण शुरू हुआ। उस समय राज्य सहकारी बैंक द्वारा शुरू की गई योजनाएं आज भी जारी हैं। राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से आम आदमी के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य निरंतर जारी है। बैंकों के वित्तीय सशक्तिकरण की चर्चा पूरे देश में चल रही है। वर्तमान में सहकारी समितियों को सक्रिय करने की आवश्यकता है। शरद पवार ने यह भी कहा कि इसके लिए निश्चित रूप से काम किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर प्रशासक विद्याधर अनास्कर ने परिचयात्मक भाषण दिया और दिलीप दिघे ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के दौरान बैंक की वित्तीय बैलेंस शीट पुस्तिका का विमोचन किया गया। इसमें सहकारी क्षेत्र के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव