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अनूपपुर/ अमरकंटक, 12 मई (हि.स.)। वैशाख पूर्णिमा और सरकारी अवकाश के कारण सोमवार को अमरकंटक में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी नर्मदा उद्गम में स्नान किया। इसके बाद शहर के अन्य मंदिरों में दर्शन किया। वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन किए गए दान, स्नान और पूजन से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। श्रद्धालुओं का मानना है कि पूर्णिमा के दिन स्नान करने से पूरे वैशाख महीने का पुण्य-फल मिलता है। इस अवसर पर मंदिरों और जरूरतमंद लोगों को दान देने की परंपरा है।
पवित्र नगरी अमरकंटक में वैशाख पूर्णिमा/ बुद्ध पूर्णिमा पर भक्त, श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने पुण्य सलिला मां नर्मदा उद्गम में आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने सुबह से ही डुबकी लगाने नर्मदा घाटों पर भीड़ थी । श्रद्धालुओं ने कोटि तीर्थ कुंड,रामघाट तट में शाम तक डुबकी लगा और नर्मदा मंदिर में दर्शन किया।
मार्कंडेय आश्रम में नौ दिनों तक चले रुद्र महायज्ञ एवं नर्मदा महापुराण कथा तथा मृत्युंजय आश्रम में भी भागवत कथा की पूर्णाहुति और विशाल भंडारा सम्पन्न हुआ। कल्याण सेवा आश्रम तथा गणेश धुना ने भी संतो ब्राह्मणों का भंडारा कराया गया।
नर्मदा मंदिर के पुरारी बंदे महाराज के अनुसार, वैशाख मास में भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस महीने में जल से भरे घट का दान विशेष महत्व रखता है। हर 12 वर्ष में होने वाला सिंहस्थ महापर्व भी इसी महीने में आयोजित होता है। इस दिन भगवान शिव को शीतल जल और ऋतु फल अर्पित करने का विधान है। धन प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी और भगवान लक्ष्मीनारायण का पूजन किया जाता है। माना जाता है कि इससे दरिद्रता दूर होती है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला