कमोडिटी मार्केट में फिसला सोना, चांदी की भी फीकी पड़ी चमक
-एमसीएक्स पर 5 दिन के सबसे निचले स्तर पर पहु्ंचा सोना नई दिल्ली, 12 मई (हि.स.)। कमोडिटी मार्केट में सोना फिसलता हुआ नजर आ रहा है। इसी तरह चांदी की चमक भी फीकी पड़ती नजर आ रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोना 94 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम
कमोडिटी मार्केट में सोना और चांदी की फीकी पड़ी चमक


-एमसीएक्स पर 5 दिन के सबसे निचले स्तर पर पहु्ंचा सोना

नई दिल्ली, 12 मई (हि.स.)। कमोडिटी मार्केट में सोना फिसलता हुआ नजर आ रहा है। इसी तरह चांदी की चमक भी फीकी पड़ती नजर आ रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोना 94 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर से भी नीचे फिसल गया है। ये सोने का पिछले 5 दोनों का सबसे निचला स्तर है। इसी तरह चांदी की कीमत भी गिर कर 96 हजार रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे चली गई है। एमसीएक्स की तरह ही कॉमेक्स (सीओएमईएक्स) पर भी सोना 3,280 डॉलर प्रति औंस के स्तर से नीचे फिसल गया है। सोने की तरह ही चांदी की कीमत भी कॉमेक्स पर 33 डॉलर प्रति औंस के नीचे पहुंच गई है।

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच हुई ट्रेड डील के कारण सोने में 'सेफ हेवेन' के रूप में होने वाले निवेश में कमी आ सकती है। अभी तक दुनिया के कई देशों के बीच जारी तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा थोपी गई नई टैरिफ पॉलिसी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में निवेशक सेफ हेवेन यानी सुरक्षित निवेश के रूप में सोने में बढ़-चढ़ कर पैसा लगा रहे थे, लेकिन अब स्थितियां बदलने लगी हैं। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील फाइनल होने के साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच भी सीजफायर का ऐलान हो गया है। इसके अलावा रूस और यूक्रेन युद्ध के भी खत्म होने की उम्मीद बन गई है। इसकी वजह से सोने की मांग पर दबाव बन गया है।

कैपेक्स गोल्ड एंड इन्वेस्टमेंट्स के सीईओ राजीव दत्ता का कहना है कि दुनिया में किसी भी तरह का तनाव बढ़ने पर सोने की मांग में भी तेजी आती है। इसी तरह तनाव घटने पर सोने की मांग घट जाती है। पिछले कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई थी। कहीं युद्ध के कारण तनाव बना हुआ था, तो दुनिया के कई देशों में अमेरिका की नई टैरिफ पॉलिसी का डर छाया हुआ था। इन वजहों से दुनिया के ज्यादातर देशों के बाजारों में लगातार उथल-पुथल की स्थिति देखी जा रही थी। ऐसा होने के कारण ज्यादातर निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश मानते हुए इस चमकीली धातु की जम कर खरीदारी कर रहे थे, लेकिन अब स्थितियां विपरीत होने लगी हैं।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक साथ स्थितियां सकारात्मक होने लगी हैं। यानी तनाव घटता हुआ नजर आने लगा है। इसका असर सोने की मांग में आई कमी के रूप में भी नजर आ रहा है। यही कारण है कि सोने की कीमत पिछले 5 दिन के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि राजीव दत्ता का कहना है कि लॉन्ग टर्म में सोने की कीमत तेजी बनी रह सकती है, लेकिन शॉर्ट टर्म में सोना अपनी चमक खोता हुआ नजर आ रहा है। उनका कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता आने के बाद सोने की कीमत में एक बार फिर तेजी का रुख बनेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक