दुकान का गेट तोड़कर चावल खा गए हाथी, दहशत
सरायकेला 11 मई (हि.स.)। चांडिल के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से पलायन कर आए जंगली हाथियों के झुंड ने चांडिल शहरी क्षेत्र में दहशत फैला दी है। एक विशाल ट्रस्कर हाथी ने रमेश चौधरी की दुकान का मुख्य गेट तोड़कर अंदर घुसकर दो बोरा चावल खा गए। यह पूरी घटन
हाथियों के आतंक से ग्रामीणों में दहशत


सरायकेला 11 मई (हि.स.)। चांडिल के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से पलायन कर आए जंगली हाथियों के झुंड ने चांडिल शहरी क्षेत्र में दहशत फैला दी है।

एक विशाल ट्रस्कर हाथी ने रमेश चौधरी की दुकान का मुख्य गेट तोड़कर अंदर घुसकर दो बोरा चावल खा गए। यह पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

ग्रामीणों के अनुसार, बीते पांच वर्षों से दलमा गज परियोजना के जंगलों में भोजन और पानी की कमी के कारण हाथियों के झुंड लगातार ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों और अब शहरी इलाकों का रुख कर रहे हैं। शाम ढलते ही हाथियों के झुंड छोटे-छोटे समूहों में बंटकर गांवों और बाजारों में घुस आते हैं और घरों को नुकसान पहुंचाते हैं और अनाज खा जाते हैं।

इस दौरान कई बार ग्रामीणों की जान भी खतरे में पड़ जाती है।

चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी की ओर से हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा जा रहा था, लेकिन वह रसूनिया जंगल होते हुए चांडिल शहरी क्षेत्र में पहुंच गया और रमेश चौधरी की दुकान में घुस गया। इससे पहले भी यह हाथी चांडिल स्टेशन बस्ती, बाजार और दुर्गा मंदिर इलाके में घुसकर उत्पात मचा चुका है।

ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायत के बावजूद वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। मुआवजा राशि समय पर नहीं मिलती है, इससे गरीब किसान और मजदूरों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि राज्य सरकार और वन विभाग केवल मौन दर्शक बने हुए हैं।

ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र अब हाथियों के लिए रेड जोन बन चुका है, जहां बारहों महीने हाथियों के झुंड डेरा जमाए रहते हैं। ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल है। जानमाल और फसल की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। प्रशासन और सरकार से ग्रामीणों की मांग है कि हाथियों के आतंक से निजात दिलाने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि उनकी सुरक्षा और आजीविका सुरक्षित रह सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak