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चंपावत, 11 मई (हि.स.)। रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत-नेपाल सीमा पर स्थित बनबसा की 57वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल का दौरा किया। इस दौरान अधिकारियों एवं जवानों से भेंट कर सीमा क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने जवानों के साहस, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि हमारी सीमाएं जवानों की सतर्कता और समर्पण से अभेद हैं। उन्होंने जोर दिया कि भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बनाए रखना न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि राष्ट्रीय हित के लिए अत्यंत आवश्यक है। राज्य सरकार, केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर समन्वय में कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने सीमा चौकियों की अवस्थापना, संचार एवं गश्त की व्यवस्था, और जवानों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली और सुधार के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सीमावर्ती गांवों को प्रथम गांव कहे जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह गांव देश की सीमाओं और संस्कृति की पहली पहचान हैं। इन गांवों की रक्षा में लगे जवानों के प्रति उन्होंने आभार व्यक्त किया।
सीमा दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने जवानों से बातचीत कर उनकी समस्याएं और अनुभव भी सुने। उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए इसे कायरतापूर्ण बताया और कहा कि भारत की सेना ने इस हमले का मुँहतोड़ जवाब दिया है। साथ ही उन्होंने राष्ट्र की एकता और नागरिकों की देशभक्ति को सबसे बड़ी ताकत बताया।
इस अवसर पर डीआईजी एसएसबी अमित शर्मा, जिलाधिकारी चंपावत नवनीत पांडे, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर नितिन भदोरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजीव मुरारी