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हुगली के श्रीरामपुर में श्रद्धालुओं का जन सैलाब
हुगली, 30 अप्रैल (हि.स.)। अक्षय तृतीया के दिन यानी बुधवार को श्रीरामपुर के
महेश जगन्नाथ देव मंदिर में चंदन यात्रा समारोह शुरू हुआ। महेश के इस 629 साल पुराने ऐतिहासिक मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।
मंदिर सूत्रों के अनुसार, यह चंदन यात्रा अगले 42 दिनों तक जारी रहेगी।
मिली जानकारी के अनुसार, यह चंदन यात्रा सुबह मंगल आरती के साथ शुरू हुई।
चंदन यात्रा उत्सव के लिए प्रत्येक वर्ष श्रीरामपुर के महेश मंदिर में बड़ी भीड़ उमड़ती है। इसीलिए प्रशासन ने कड़े सुरक्षा उपाय लागू किये हैं। इस दिन आरती के बाद सुबह छह बजे भगवान जगन्नाथ के लिए चंदन जलाने की विधि शुरू होती है। सुबह 11 बजे के बाद चंदन यात्रा के समय जगन्नाथ देव, बलराम और सुभद्रा का चंदन से अभिषेक किया जाता है। इसी अनुसार, बुधवार को जगन्नाथ देव के मुख्य परिचारक सौमेन अधिकारी, न्यासी बोर्ड के सचिव पियाल अधिकारी और मंदिर के पुजारियों ने भगवान जगन्नाथ के ललाट पर चंदन का लेप लगाया।
अगले 42 दिनों तक प्रतिदिन भगवान जगन्नाथ को चंदन का लेप लगाया जाएगा। स्नान उत्सव 11 जून को मनाया जाएगा। उस दिन उन्हें दूध और गंगाजल से स्नान कराया जाएगा। मंदिर प्राधिकारियों ने बताया कि स्नान जुलूस के दिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे।
जगन्नाथ देव ट्रस्टी बोर्ड के सचिव पियाल अधिकारी ने बताया कि यह चंदन यात्रा बैसाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया या अक्षय तृतीया को आयोजित की जाती है। ऐसी मान्यता है कि है कि भगवान जगन्नाथ देव ने राजा इंद्रघणु को स्वप्न दिखाया था, जिसमें उन्होंने उन्हें भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए उनके सिर और पूरे शरीर पर चंदन का लेप लगाने को कहा था। स्वप्न संदेश मिलने के बाद ही महेश मंदिर के जगन्नाथ देव को चंदन का लेप लगाया गया था। तब से यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
जगन्नाथ देवनद में स्नान समारोह हुगली के महेश्वर मंदिर में आयोजित किया गया।
बंगाली महीनों के अनुसार पूरे वर्ष में चार शुभ दिन होते हैं। बैशाख का पहला दिन, विजयादशमी, कार्तिक माह का पहला दिन तथा अक्षय तृतीया चार शुभ दिन माने जाते हैं। इनमें सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया है। इसीलिए इस दिन भगवान की चंदन यात्रा निकाली जाती है। चंदन यात्रा के बाद भोग आरती का आयोजन किया जाता है इसके उपरांत ही प्रसाद वितरण होता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गंगा