उम्रकैद की सजा भुगत रहे कैदी की रिहाई पर निर्णय लेने का प्रमुख सचिव कारागार को निर्देश
प्रयागराज, 27 अप्रैल (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव कारागार को 21 साल से अधिक समय से उम्रकैद की सजा भुगत रहे सिद्ध दोष बंदी की समय पूर्व रिहाई पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने याची को जेल अधीक्षक वाराणसी कारागार के मार्फत आवेदन
इलाहाबाद हाईकाेर्ट्


प्रयागराज, 27 अप्रैल (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव कारागार को 21 साल से अधिक समय से उम्रकैद की सजा भुगत रहे सिद्ध दोष बंदी की समय पूर्व रिहाई पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने याची को जेल अधीक्षक वाराणसी कारागार के मार्फत आवेदन प्रमुख सचिव को भेजने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति नंद प्रभा शुक्ला की खंडपीठ ने मीरजापुर निवासी सप्पू पुत्र रहमतुल्लाह की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता ने बताया कि सप्पू को थाना कोतवाली शहर मीरजापुर में हत्या के अपराध में 29 सितम्बर 2008 को अपर सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास एवं 5000 रुपये के जुर्माना से दंडित किया। जिसके खिलाफ अपील दायर हुई। हाईकोर्ट ने भी आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा। वह 21 साल एक महीने की सजा काट चुका है। नियमानुसार समय पूर्व रिहाई का हकदार है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे