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इंदौर, 23 अप्रैल (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में वीणा नगर निवासी सुशील नथानियल की पार्थिव देह बुधवार रात नौ बजे इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंचा। एयरपोर्ट से उनके पार्थिव देह को वीणा नगर स्थित उनके भाई के घर पर ले जाया गया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इंदौर पहुंचकर स्व. नथानियल के पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके परिजन को सांत्वना दी।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में वीणा नगर निवासी सुशील नथानियल की भी मौत हो गई थी। उनके पार्थिव देह को विमान से इंदौर लाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एयरपोर्ट इंदौर में शोकाकुल परिवारजनों से मिलकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिलते ही उनके परिजन फूट-फूट कर रो पड़े।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दिवंगत सुशील के परिजनों से मुलाक़ात की। उनसे मिलकर हमारा मन द्रवित हो गया है, बेहद दुखी हो गया है। सुशील की पत्नी ने बताया कि गोली मारने के पहले उनके पति को कलमा पढ़ने का कहा गया, जब उन्होंने बताया कि वो क्रिश्चियन है तो उन्हें गोली मार दी गई। दुख की इस घड़ी में हमारी पूरी सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने परिजनों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि दुख और शोक की इस घड़ी में न केवल प्रदेश अपितु पूरा देश उनके साथ है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ इस अवसर पर सांसद विष्णु दत्त शर्मा, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित इंदौर के जन प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
सुशील नथानियल आलीराजपुर स्थित एलआईसी की सैटेलाइट शाखा में पदस्थ थे। वे चार दिन पहले ही 21 वर्षीय बेटे ऑस्टिन गोल्डी, 30 वर्षीय बेटी आकांक्षा और पत्नी जेनिफर के साथ कश्मीर गए थे। सुशील नथानियल के भाई विकास ने बताया कि आतंकवादियों ने पहले सुशील को घुटनों पर बैठाया, फिर उन्हें कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जब उन्होंने अपना धर्म ईसाई बताया, तब आतंकवादियों ने उन्हें गोलियां मार दी। आकांक्षा को पैर में गोली लगी है। घटना से पहले सुशील ने अपनी पत्नी को छिपा दिया था और स्वयं आतंकवादियों के सामने खड़े हो गए थे। जेनिफर खातीपुरा के सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। घायल आकांक्षा सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा में फर्स्ट क्लास ऑफिसर, जबकि ऑस्टिन गोल्डी बैडमिंटन खिलाड़ी है। परिवार मूल रूप से जोबट का रहने वाला है।
जैसे ही सुशील की देह को घर लाया गया, परिजन की आंखों से आंसुओं का सैलाब निकल पड़ा। साथ में आई पत्नी जेनिफर, बेटे आस्टन और बेटी आकांक्षा का दर्द देखकर सभी की आंखें नम हो गई। सभी के चेहरे पर आतंक की दहशत साफ नजर आ रही थी। डर, दर्द और अपनों को खोने की तकलीफों के बीच सभी एक दूसरे को संभालने का प्रयास कर रहे थे। घर पर सुबह से ही जनप्रतिनिधियों का तांता लगा हुआ है। सुबह कलेक्टर आशीष सिंह पहुंचे थे और विधायक रमेश मेंदोला ने भी घर आकर परिजन को सांत्वना दी थी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर