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कोलकाता, 21 अप्रैल (हि. स.)।पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने पूर्व मेदिनीपुर ज़िले के कांथी में 30 अप्रैल को सनातनी हिंदुओं की रैली निकालने की अनुमति मांगी है। इसी दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में दीघा में भगवान जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन होना है।
शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ ने सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी है। इस मामले पर 28 अप्रैल को सुनवाई होने की संभावना है।
पूर्व मेदिनीपुर ज़िला पुलिस ने कांथी में रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। पुलिस का तर्क है कि दीघा में उसी दिन भगवान जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के चलते भारी भीड़ एकत्र होने की संभावना है। ऐसे में एक साथ दो बड़े आयोजनों को संभालना मुश्किल होगा।
उल्लेखनीय है कि दीघा में प्रस्तावित यह मंदिर ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है। इसी कारण इसे लेकर पहले ही विवाद खड़ा हो चुका है। नेता प्रतिपक्ष अधिकारी ने मुख्यमंत्री के इस दावे को चुनौती दी है कि दीघा का मंदिर पुरी के मंदिर पर आधारित है।
शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि जब मंदिर श्री जगन्नाथ को समर्पित है, तो इसे ‘जगन्नाथ धाम सांस्कृतिक केंद्र’ क्यों कहा जा रहा है? उन्होंने मांग की कि इस नाम को बदलकर सभी सरकारी दस्तावेजों में ‘श्री जगन्नाथ मंदिर’ किया जाए।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि इस मंदिर के निर्माण से संबंधित जो भी निविदाएं और दस्तावेज बंगाल हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डब्ल्यूबीएचआईडीसीओ) द्वारा तैयार किए गए हैं, उनमें भी नाम में बदलाव होना चाहिए। अधिकारी ने दावा किया कि यह निर्माण पूरी तरह से राज्य सरकार की निधि से किया जा रहा है।
शुभेंदु अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम, चाहे वह राजनीतिक हो या गैर-राजनीतिक, के लिए प्रशासन से अनुमति मिलना हमेशा मुश्किल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें बार-बार न्यायालय की शरण में जाना पड़ता है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर