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गोपेश्वर, 21 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एनडीएमए) के चार सदस्यीय दल ने सोमवार को माणा गांव के समीप बीते 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया। ताकि रिपोर्ट तैयार कर आपदा की रोकथाम और आपदा राहत कार्यों को बेहतर किए जाने के सुझाव दिए जा सके।
एनडीएमए की टीम सोमवार को हेलिकॉप्टर से बदरीनाथ धाम पहुंची। जिसके बाद टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण कर आईटीबीपी और बीआरओ के अधिकारियों से घटना और राहत बचाव कार्य की विस्तृत जानकारी ली। टीम ने आईटीबीपी, बीआरओ और स्थानीय प्रशासन से आपदा राहत कार्यों के लिए किए जाने वाले कार्यों में आने वाली परेशानियों की जानकारी भी ली। इस दौरान ब्रिगेडियर (सेनि) रविन्द्र गुरुंग ने माणा आपदा के दौरान राहत और बचाव अभियान का हिस्सा रहे आईआईपी के जवानों से संवाद भी किया।
राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एनडीएमए) के ब्रिगेडियर (सेनि) रविन्द्र गुरुंग ने बताया कि निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य घटना का अध्ययन कर हिमस्खलन की घटनाओं के प्रभाव को कम करने और आपदा राहत कार्यों को लेकर किए जाने वाले सुधारों को लेकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिससे भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने में आसानी हो क्योंकि 28 फ़रवरी कों आए एवंलांच में कुल 54 मजदूर फस गए थे जिनमें से 46 को बचा लिया गया था और आठ लोगों की मौत हो गई थी।
ऐसे में केंद्र सरकार का मानना है कि पूर्व में ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम की ओर से पूर्व में हुयी इस घटना की विस्तृत समीक्षा की गई। इस मौके पर जीडीआरएफ के वैज्ञानिक डॉ. अमरीश सिंह, एफडीआरएफ के वैज्ञानिक डॉ ए. उपाध्याय, 15 एनडीआरएफ के कमांडेंट सुदेश कुमार, उप जिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ट, आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी, आईटीबीपी के सीओ पीयूष आदि मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल