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कोलकाता, 15 अप्रैल (हि. स.)। भारत सेवाश्रम संघ अस्पताल (बीएसएसएच), जोका में आज न्यूरो-रिहैबिलिटेशन सेंटर का उद्घाटन एक गरिमामय समारोह में संपन्न हुआ। यह अत्याधुनिक केंद्र उन मरीजों के लिए नई आशा की किरण बनकर उभरा है, जो स्ट्रोक और अन्य तंत्रिका संबंधी रोगों से जूझ रहे हैं। स्थानीय समुदाय ही नहीं, बल्कि दूर-दराज़ के मरीजों को भी इस केंद्र से अत्याधुनिक और समग्र उपचार की सुविधा मिल सकेगी।
इस महत्वपूर्ण पहल को मूर्त रूप देने में 'स्ट्रोक फाउंडेशन प्रभाव' की अहम भूमिका रही है, जिसे अक्सर पर्दे के पीछे देखा जाता है। इस संस्था ने स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों के जीवन में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास किए हैं और इस केंद्र की सेवाओं के विकास में उनका विशेष योगदान रहा है। केंद्र में स्पीच और स्वैलो असेसमेंट, फिजिकल रिहैबिलिटेशन, वोकेशनल रिहैबिलिटेशन और हैंड रिहैबिलिटेशन जैसी सेवाएं उपलब्ध होंगी, जो मरीजों की बहुआयामी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दी जाएंगी।
उद्घाटन समारोह में उन सभी व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने इस परियोजना को साकार करने में योगदान दिया। विशेष रूप से स्वामी ब्रह्मात्मानंदजी महाराज, सचिव –भारत सेवाश्रम संघ अस्पताल, को उनके नेतृत्व और सेवा भाव के लिए सम्मानित किया गया, जिन्होंने इस अस्पताल को करुणा और उत्कृष्टता का प्रतीक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जैसे-जैसे यह न्यूरो-रिहैबिलिटेशन सेंटर अपनी सेवाएं प्रारंभ कर रहा है, इसका उद्देश्य प्रत्येक मरीज को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार समन्वित उपचार प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके। यह केंद्र चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग और सेवा भावना का एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो न्यूरो रिहैबिलिटेशन सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर