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मुंबई. 19 मार्च (हि.सं.)। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले चैरिटी अस्पतालों में बेड औऱ बिलों के भुगतान को लेकर विवाद होते रहते हैं। महाराष्ट्र सरकार चैरिटी अस्पतालों पर नियंत्रण रखने के लिए समिति का गठन करेगी। यह घोषणा मंगलवार को विधान परिषद में स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने की। हालांकि उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने इसके लिए जिलेवार डैशबोर्ड और एेप बनाने का सुझाव दिया है।
विधायक इदरीस नाईकवाडी व अन्य सदस्यों ने चैरिटी अस्पतालों में रिक्त बिस्तरों और अस्पताल के अत्यधिक बिलों के संबंध में मुद्दा उठाया था। इस दौरान उपसभापति ने सुझाव दिया कि यदि प्रदेश के चैरिटी अस्पतालों में तकनीक का उपयोग करते हुए जिलेवार डैशबोर्ड और एप बनाए जाएं तो मरीजों को तुरंत जानकारी मिल जाएगी कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं।उपसभापति कहा कि कोविड काल के दौरान सभी जिलों में समितियों का गठन किया गया था और डैशबोर्ड बनाए गए थे। इससे सिविल सर्जन को पता चल जाता था कि किस अस्पताल में कितने बेड उपलब्ध हैं। इससे मरीजों को तुरंत भर्ती कर इलाज करने में मदद मिली थी। यदि उसी तकनीक का उपयोग करके जिलावार डैशबोर्ड और ऐप बनाए जाएं तो मरीजों को तुरंत जानकारी मिल जाएगी कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं।
उपसभापति ने सुझाव दिया कि स्वास्थ्य मंत्री हर महीने हर जिले का दौरा नहीं कर सकते। यदि छह महीने में एक बार जिलेवार ऑनलाइन बैठक आयोजित की जाए,तो चैरिटी अस्पतालों में खाली बिस्तरों की जानकारी उपलब्ध हो जाएगी और अत्यधिक बिलों के कारण होने वाले विवादों को रोका जा सकेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार