हमारा लक्ष्य भारत को 2036 तक खेलों में अग्रणी राष्ट्र बनानाः विराट कोहली
बेंगलुरु, 15 मार्च (हि.स.)। भारतीय क्रिकेट के धाकड़ बल्लेबाज और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने 'आरसीबी इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट' में भारत के खेल भविष्य पर खुलकर अपने विचार साझा किए। इंग्लैंड की पूर्व क्रिके
आरसीबी इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट में विराट कोहली और ईशा गुहा


बेंगलुरु, 15 मार्च (हि.स.)। भारतीय क्रिकेट के धाकड़ बल्लेबाज और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने 'आरसीबी इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट' में भारत के खेल भविष्य पर खुलकर अपने विचार साझा किए। इंग्लैंड की पूर्व क्रिकेटर ईसा गुहा द्वारा संचालित इस सत्र में कोहली ने भारत को स्पोर्ट्स-फॉरवर्ड नेशन बनाने की अपनी दूरदृष्टि के बारे में विस्तार से बात की।

कोहली ने कहा, हम भारत को 2036 तक खेलों में अग्रणी राष्ट्र बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। हमारे पास एक स्पष्ट दृष्टि और उसकी मजबूत आधारशिला मौजूद है। केवल बुनियादी ढांचे और निवेश से यह लक्ष्य हासिल नहीं होगा, बल्कि इसमें हर उस व्यक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, जो खेलों को समझना और उनसे जुड़ना चाहता है। हमें सिर्फ जश्न मनाने और खेलों के प्रति जुनून तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि खेल शिक्षा को भी बढ़ावा देना होगा। जब लोग खेलों की गहराई को समझेंगे, तो उनका अनुभव भी कई गुना बेहतर होगा।

कोहली, जिन्होंने 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था, भारतीय क्रिकेट में फिटनेस क्रांति के अगुवा माने जाते हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह खुद को बेहतर एथलीट बनाने के लिए उन्होंने अपनी दिनचर्या पूरी तरह बदल दी। उन्होंने कहा, मुझे यह अहसास हुआ कि अपनी तैयारी के तरीके को बदलना होगा। अगले ही दिन से मैंने अपनी डाइट, ट्रेनिंग और लाइफस्टाइल में बदलाव किया। मुझे किसी ने मजबूर नहीं किया, बल्कि यह बदलाव मेरे भीतर से आया। जब हमने कठिन विदेशी दौरों पर संघर्ष किया, तब मुझे महसूस हुआ कि दूसरी टीमों की फिटनेस हमसे कहीं बेहतर थी और यही हमारी कमजोरी थी।

भारत आज क्रिकेट में दुनिया की सबसे प्रभावशाली टीमों में से एक है, लेकिन कोहली अन्य खेलों के भी आगे बढ़ने को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने कहा, बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे अहम चीज एथलीट का जज़्बा होता है। अगर मैं अपनी सीमाएं नहीं बढ़ाऊंगा, तो खुद को बेहतर नहीं बना पाऊंगा। मैंने हमेशा खुद को सर्वश्रेष्ठ बनाने की कोशिश की, और उसी सोच ने मुझे प्रेरित किया।

भारत में अन्य खेलों की प्रगति को लेकर कोहली ने कहा, खेलों पर ज्यादा बातचीत होनी चाहिए। लोगों को नियमों और एथलीटों के संघर्षों को समझने की जरूरत है। यह एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए, जो सभी खेलों के विकास में मदद करे। महिलाओं का खेल भी इसका अहम हिस्सा है। हमारे पास महिला क्रिकेट ही नहीं, बल्कि अन्य खेलों में भी जबरदस्त प्रतिभाएं मौजूद हैं, जिन्हें आगे लाने की जरूरत है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय