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नई दिल्ली, 04 फरवरी (हि.स.)। वित्त सचिव और राजस्व विभाग सचिव तुहिन कांता पांडे ने मंगलवार को कहा कि कराधान सुधार केंद्रीय बजट 2025-26 की एक प्रमुख विशेषता है, क्योंकि इसका अर्थव्यवस्था के बाकी हिस्सों पर प्रभाव पड़ता है। इसको पहली बार बजट के भाग-ए में शामिल किया गया है।
वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे
भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसोचेम) के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बजट बनाना विभिन्न अनिवार्यताओं को संतुलित करना है और कभी भी खंडों में अभ्यास नहीं करना है। वित्त सचिव ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में व्यक्तिगत आयकर में 20-25 फीसदी की वृद्धि हुई है। वित्त सचिव ने कहा कि सरकार ने राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए कदम उठाते हुए ऐसा केंद्रीय बजट पेश किया है, जिससे महंगाई नहीं बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हमें आय सृजन के लिए व्यापक अवसर और स्वैच्छिक अनुपालन का माहौल बनाने की जरूरत है। उच्च स्तर का कराधान प्रतिकूल है, और हमने करों में वृद्धि न करने का साहसिक कदम उठाया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर