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-कोलकाता में आयोजित समारोह में राज्यपाल ने उपकमांडेंट त्रिभुवन नाथ वर्मा को राष्ट्रपति पदक व प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित
सुल्तानपुर, 2 फ़रवरी (हि.स.)। सीमा सुरक्षा बल की 56वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट त्रिभुवन नाथ वर्मा को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आयोजित अलंकरण समारोह में महामहिम राज्यपाल डॉ सी बी आनंद बोस ने राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया।
उपकमांडेंट त्रिभुवन नाथ वर्मा को राष्ट्रपति पदक मिलने की सूचना मिलते ही उनके पैतृक गांव सेमरी पुरुषोत्तमपुर में जश्न का माहौल है।
जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर भदैया ब्लाक के सेमरी पुरुषोत्तमपुर गांव में 30 जुलाई 1970 में जन्मे त्रिभुवन नाथ वर्मा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अकाउंटेंसी में सफलतापूर्वक स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात,08 नवम्बर 1993 को उप निरीक्षक (डीई) के रूप में बीएसएफ में शामिल हुए थे। बीएसएफ अकादमी टेकनपुर में बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात,उन्हें भारत-पाक सीमा पर तैनात 98 बटालियन बीएसएफ में तैनात किया गया। अपने पूरे कैरियर के दौरान, अधिकारी ने सबसे चुनौतीपूर्ण कार्यभार संभाला तथा बीएसएफ में सभी स्तरों पर समृद्ध अनुभव प्राप्त किया, जिसमें एलसी (नियंत्रण रेखा), जम्मू-कश्मीर, नागालैंड में सीआई (ऑप्स) तथा एएनओ, तथा राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, मेघालय तथा गुजरात की सीमा पर तैनात इकाई शामिल हैं। उन्होंने परिचालन के साथ-साथ प्रशासन के मोर्चे पर भी सराहनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसके लिए अधिकारी को 06 मौकों पर महानिदेशक प्रशंसा रोल और महानिरीक्षक प्रशंसा रोल से सम्मानित किया गया।
07 मई 2002 को इंस्पेक्टर (जीडी) के पद पर पदोन्नत किया गया था, 24 अप्रैल 2012 को इंस्पेक्टर से असिस्टेंट कमांडेंट और 27 जुलाई 2023 को असिस्टेंट कमांडेंट से डिप्टी कमांडेंट के पद पर पदोन्नत किया गया था। अधिकारी को गुजरात राज्य के कच्छ क्षेत्र के रण में भारत-पाक सीमा पर तैनात होने के दौरान 56 बो बीएसएफ में तैनात किया गया था, जहां उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सौंपे गए सभी कार्यों/कार्यक्रमों का समन्वय किया।
उप कमांडेंट त्रिभुवन नाथ वर्मा ने पूरी सेवा के दौरान बीएसएफ की प्रशासनिक और परिचालन नीतियों/सिद्धांतों को प्रभावी और कुशल तरीके से लागू करने में अधिकारियों और एसओ और सहकर्मियों के इच्छुक सहयोग को शामिल करते हुए एक मिलनसार टीम बनाने का प्रयास किया है। एकजुट टीम के प्रयासों के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण मूर्त और अमूर्त परिचालन उपलब्धियां हासिल हुईं, जिससे बल की छवि को बढ़ावा मिला। उनके प्रयासों को सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित करके मान्यता दी गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दयाशंकर गुप्ता