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नैनीताल, 2 फ़रवरी (हि.स.)। नैनीताल की प्राचीनतम धार्मिक एवं सामाजिक संस्था श्री राम सेवक सभा के तत्वावधान में विगत वर्षों की तरह इस वर्ष भी सरोवरनगरी में बसंत पंचमी पर धार्मिक अनुष्ठान हेतु बटुकों के यज्ञोपवीत संस्कार का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर नगर के विभिन्न स्थानों से आए 20 बटुकों का सामूहिक यज्ञोपवीत उपनयन संस्कार किया गया।
वैदिक मंत्रोच्चार एवं विधि-विधान के साथ इन बटुकों को जनेऊ धारण कराया गया। संस्कार के दौरान काशी प्रस्थान की परंपरा भी निभाई गई, जिसमें बटुकों ने गुरु के आदेश पर वहीं रहकर शिक्षा ग्रहण करने का संकल्प लिया। इसके बाद बटुकों को गायत्री मंत्र की दीक्षा दी गई और उन्होंने भिक्षा ग्रहण कर गुरु को अर्पण की। गुरु द्वारा उनके कानों में गुरु मंत्र प्रदान किया।
संस्कार का वैदिक अनुष्ठान पुरोहित भगवत प्रसाद जोशी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। उन्होंने बताया कि बसंत पंचमी केवल वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह विद्या, ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा का विशेष अवसर भी है। इस दिन किए जाने वाले यज्ञोपवीत संस्कार से न केवल ग्रहों की दशा का निवारण होता है, बल्कि बच्चों का मानसिक और आध्यात्मिक विकास भी होता है। सभा के अध्यक्ष मनोज साह एवं महासचिव जगदीश बवाड़ी ने बताया कि बसंत पंचमी का दिवस शुभ कार्यों के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है।
इस दिन नए कार्यों को शुभारंभ किया जाता है। इस वर्ष अमृत काल में यह कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर नगर के अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे और कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया। इसके उपरांत देर शाम सभा भवन में होली गायन भी आयोजित किया। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में पौष माह के पहले रविवार रसे परंपरागत तौर पर धार्मिक होली गायन शुरू हो जाता है और बसंत पंचमी से होली गायन में श्रृंगार की होलियां भी शुरू हो जाती हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी