राज्यसभा ने मणिपुर जीएसटी (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 लोकसभा को लौटाया
- विपक्ष मणिपुर को लेकर ‘मगरमच्छ के आंसू’ बहा रहा : निर्मला सीतारमण नई दिल्‍ली, 02 दिसंबर (हि.स)। राज्यसभा ने मंगलवार को मणिपुर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) विधयेक, 2025 लोकसभा को वापस भेज दिया, यह पूर्वोत्तर के राज्य में जीएसटी 2.0 सुधारों को लागू क
मणिपुर जीएसटी (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण


मणिपुर जीएसटी (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण


- विपक्ष मणिपुर को लेकर ‘मगरमच्छ के आंसू’ बहा रहा : निर्मला सीतारमण

नई दिल्‍ली, 02 दिसंबर (हि.स)। राज्यसभा ने मंगलवार को मणिपुर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) विधयेक, 2025 लोकसभा को वापस भेज दिया, यह पूर्वोत्तर के राज्य में जीएसटी 2.0 सुधारों को लागू करने के लिए लाए गए अध्‍यादेश की जगह लेगा। संसद के निचले सदन लोकसभा ने सोमवार को यह विधयेक पास कर दिया था। राज्‍यसभा बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इससे पहले सदन के पटल पर मणिपुर माल एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 को रखा, जिसको जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए फैसलों को लागू करने के लिए लाया गया था। इस विधयेक पर केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चर्चा का जवाब दिया, जिसका मकसद पूर्वोत्तर राज्य में जीएसटी 2.0 सुधारों को लागू करने के लिए लाए गए अध्‍यादेश की जगह लेना है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में विपक्ष पर मणिपुर के लिए ‘मगरमच्छ के आंसू’ बहाने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि राज्य के हितों से जुड़े विधेयकों पर सदन में चर्चा में वह शामिल नहीं होता है। वित्त मंत्री ने मणिपुर माल एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। सीतारमण ने मणिपुर माल एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, सिर्फ यूएचटी दूध को डिब्बाबंद करते समय ऊंचे तापमान पर गर्म करने के बाद पैक किया जाता है। खोलने से पहले उसे फ्रिज में रखने की जरुरत नहीं पड़ती। डिब्बा खोलने के बाद ही फ्रिज में रखने की जरुरत पड़ती है। उस पर पहले टैक्स लगता था, वो अब जीरो हो गया है।

उन्‍होंने कहा कि आज का जो संशोधन है, उससे ट्रैक और ट्रेस सिस्टम स्थापित करने में मदद मिलेगी। एक बार ऐसा सिस्टम बन जाए तो लिकेज रोकना आसान हो जाएगा। सप्लाई के समय वाउचर बनाने के नियम में आसान हो जाएंगे। इसके बाद राज्‍यसभा ने थोड़ी चर्चा और वित्‍त मंत्री के बयान के बाद विधयेक को संसद के निचले सदन लोकसभा में वापस भेज दिया गया।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली और सभी राज्यों के प्रतिनिधियों वाली 56वीं वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल ने 5, 12, 18 और 28 फीसदी स्लैब को मिलाकर 2, 5 और 18 फीसदी में लगभग 375 वस्‍तुओं पर जीएसटी रेट को सही करने का फैसला किया था। वहीं, अल्ट्रा-लग्‍जरी चीजों पर 40 फीसदी जीएसटी रेट का प्रस्ताव है। नए जीएसटी टैक्स रेट 22 सितंबर, 2025 को लागू किए गए थे। चीज़ों और सेवाओं पर जीएसटी रेट में बदलाव को लागू करने के लिए राज्य के जीएसटी कानूनों में बदलाव करना ज़रूरी है। चूंकि मणिपुर में अभी राष्ट्रपति शासन है, इसलिए बदलावों को लागू करने के लिए 7 अक्टूबर को एक अध्‍यादेश जारी किया गया था।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर