विचारों का संघर्ष और आहत होती आत्मा
दीपक कुमार द्विवेदी आज का समय सामान्य नहीं है। यह ऐसा काल है जब युद्ध धरती पर नहीं, बल्कि मानव-चेतना के भीतर चल रहा है। यह शस्त्रों का संघर्ष नहीं, विचारों का संघर्ष है। इसमें रक्त भले न बहे, पर समाज की आत्मा अवश्य आहत होती है। बाहर कोई शोर नहीं

Invalid email address

विस्तृत खबर के लिए हिन्दुस्थान समाचार की सेवाएं लें।

संपर्क करें

हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी एम-6, भगत सिंह मार्केट, गोल मार्केट, नई दिल्ली- 110001

(+91) 7701802829 / 7701800342

marketing@hs.news