कलाकारों को सम्मान और प्रोत्साहित देने का काम कर रही सरकार : योगी आदित्यनाथ
कलाकारों को सुरक्षित,सम्मानित और सशक्त वातावरण देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध लखनऊ, 18 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ के शताब्दी वर्ष समारोह के उद्घाटन समारोह को संबोधित
भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री योगी


कलाकारों को सुरक्षित,सम्मानित और सशक्त वातावरण देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध

लखनऊ, 18 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ के शताब्दी वर्ष समारोह के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कलाकारों को सम्मान और प्रोत्साहित देने का हमारी सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कलाकारों को सुरक्षित,सम्मानित और सशक्त वातावरण देने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हम कलाकारों के कल्याण,स्वास्थ्य,उनके लिए मंच,प्रशिक्षण और आजीविका के लिए कार्य करेंगे।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब देश गुलाम था तब संगीत व कला के लिए जब कोई मंच नहीं था। ऐसे समय में भारत की शास्त्रीय परम्परा को एक वैश्विक पहचान देने का काम पंडित विष्णु नारायण भातखण्डे ने किया था। उन्होंने भारतीय संगीत को वैज्ञानिक आधार दिया। शास्त्रीय अनुशासन और सुव्य​वस्थित पाठ्यक्रम दिया। गुरू शिष्य परम्परा को आधुनिक शिक्षा पद्धति से ​जोडने का अभिनव कार्य किया। अपितु भारतीय संस्कृति को आत्म सम्मान व आत्मगौरव आत्मगौरव और स्थायित्व देने का ऐतिहासिक प्रयास उस समय पंडित विष्णु नारायण भातखण्डे के द्वारा प्रारंभ हुआ था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम नृत्य करते हैं तो नटराज के रूप में शिव हमारे सामने दिखाई देते हैं। जब हम वीणा में स्वर को लय दे रहे होते हैं तो साक्षात मां सरस्वती हमारे सामने होती हैं। जब कोई संवाद किसी नाटक में कर रहे होते हैं तो राम की मर्यादा देखने को मिलती है। जब हम किसी रस में डूबे होते हैं तो कृष्ण की रसधारा हमारे साथ जुड़ती हुई दिखाई देती है।

उन्होंने कहा कि जगत का पहला स्वर ओंकार है। यही अध्यात्म व विज्ञान कहता है। नाद के अधीन जगत है। उस नाद को पहचानना यही संगीत की अलग—अलग विधाओं के द्वारा की जाने वाली साधना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की आत्मा संस्कृति में होती है। राष्ट्र के जीवन से अगर उसकी संस्कृति अलग कर दी जाय तो राष्ट्र अपनी पहचान खो देता है। भारत के स्वर व लय ने अपनी पहचान को निरंतरता दी।

भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ के शताब्दी वर्ष समारोह के उद्घाटन अवसर पर विश्वविद्यालय की 100 वर्षों की विकास यात्रा पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर प्रदर्शनी का उद्घाटन, डाक विभाग द्वारा तैयार विशेष आवरण एवं विरूपण का विमोचन किया गया। उत्कृष्ट योगदान देने वाले पूर्व विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, एमएलसी मुकेश शर्मा, एमएलसी लाल जी प्रसाद निर्मल व पद्मविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह उपस्थित रहीं।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन