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रांची, 18 दिसंबर (हि.स.)। समन की अवहेलना से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट से जारी संज्ञान आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई झारखंड उच्च न्यायालय में हुई। मामले में प्रार्थी हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता ने कुछ दस्तावेज दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने मामले के अगली सुनवाई 15 जनवरी 2026 निर्धारित की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा, दीपांकर और अधिवक्ता श्रेय मिश्रा ने बहस की।
हेमंत सोरेन की ओर से याचिका दाखिल कर एमपी-एमएलए द्वारा मामले में लिए गए संज्ञान को गलत बताते हुए इसे निरस्त करने का आग्रह किया है। उल्लेखनीय है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी ने समन के आदेश का अनुपालन नहीं करने को लेकर अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया है, जिसमें सुनवाई जारी है। मामले को लेकर एमपी-एमएलए कोर्ट में कांड संख्या 2/2024 दर्ज है।
दरअसल, ईडी की ओर से समन की अवहेलना मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ शिकायतवाद सीजेएम कोर्ट में दाखिल की गई थी। यह मामला अब एमपी - एमएलए कोर्ट स्थानांतरित हो चुका है। ईडी की ओर से शिकायतवाद संख्या 3952/2024 सीजेएम कोर्ट में दाखिल की गई थी। शिकायतवाद में शिकायतकर्ता ईडी के वरीय अधिकारी की ओर से बताया गया है कि हेमंत को ईडी ने जमीन घोटाला मामला में 10 समन किया था, जिसमें से मात्र दो समन पर ही हेमंत सोरेन ईडी के समक्ष उपस्थित हुए थे। यह ईडी के समन की अवहेलना है। हेमंत ईडी के समक्ष 20 जनवरी को 8 वां समन एवं 31 जनवरी को दसवां समन में हेमंत उपस्थित हुए थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे