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जम्मू, 18 दिसंबर (हि.स.)।
शिवसेना (यूबीटी) जम्मू-कश्मीर इकाई प्रमुख मनीश साहनी ने जम्मू-कश्मीर में किसी तीसरी (गुप्त) शक्ति के प्रशासनिक कार्यों में सक्रियता का आरोप लगाया है। जिसपर अंकुश लगाने के लिए पुनः राज्य दर्जा बहाली की मांग की है ।
पार्टी प्रदेश मध्यवर्ती कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिवसेना (यूबीटी) प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दौहरी नहीं कोई तीसरी (गुप्त) पावर भी सक्रिय हैं जो प्रशासन को नियंत्रित किये हुए सुपरपावर बन अपना हुक्म बजा रही हैं।
जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत दर से उपर पहुँच चुकी है । निशुल्क बिजली, गैस सिलेंडर, रोजगार, डेलीवेजरस का नियमतिकरण आदि जन मुद्दे व वादों को ठंडे बसते में डाल दिया गया है। निर्वाचित सरकार अधिकार नहीं होने जबकि उपराज्यपाल सरकार के पास सभी अधिकार होने का दावा करते हैं।
वही डेढ़ महीने से अधिक का समय बीतने के बावजूद श्री माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज विवाद का कोई हल नहीं निकला । मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल ( स्वय श्री माता वैष्णों देवी श्राईन बोर्ड के चेयरमैन हैं) मूकदर्शक बने बैठे है। वही संतोष ट्रॉफी फुटबॉल टीम विवाद भी खडा कर दिया गया।
ऐसा प्रतीत होता है किसी आदृशय शक्ति के ईशारे पर इस जन आंदोलनों को तूल देकर सांप्रदायिक ताने-बाने को बिखेरने के प्रयास हो रहे हैं। लोकतंत्र का मजाक बन चुका है जवाबदेही खत्म हो चुकी है।
जनता असमंजस में है इस ( दौहरी/ तेहरी) शासन प्रणाली की चककी में पिस रहे है।
साहनी ने कहा कि तमाम अटकलों पर विराम के लिए तत्काल प्रभाव से
जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य दर्जा बहाल किया जाना चाहिए ।
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हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता