हिमाचल में युवक से 38 लाख की साइबर ठगी, पुलिस ने होल्ड करवाये 34 लाख
शिमला, 18 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में ऑनलाइन निवेश के नाम पर साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामले में साइबर ठगों ने एक युवक को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये निवेश का लालच देकर 38 लाख रुपये की ठगी कर ली। हालांकि पीड़ित की समय पर श
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शिमला, 18 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में ऑनलाइन निवेश के नाम पर साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामले में साइबर ठगों ने एक युवक को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये निवेश का लालच देकर 38 लाख रुपये की ठगी कर ली। हालांकि पीड़ित की समय पर शिकायत के चलते साइबर पुलिस शिमला ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 34 लाख रुपये बैंक खातों में होल्ड करवा दिए हैं। इस संबंध में साइबर थाना शिमला में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

पुलिस के अनुसार पीड़ित युवक सोलन जिले का रहने वाला है। उसे एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जहां शेयर बाजार और ऑनलाइन निवेश में मोटे मुनाफे का दावा किया जा रहा था। ग्रुप में मौजूद लोग खुद को निवेश विशेषज्ञ बता रहे थे और लगातार भरोसा दिला रहे थे कि कम समय में बड़ा लाभ मिलेगा। युवक इनके झांसे में आ गया और अलग-अलग तारीखों में निवेश के नाम पर बड़ी रकम ट्रांसफर करता चला गया।

जब युवक को शक हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हो रही है और पैसे वापस नहीं मिल रहे हैं तो उसने बिना देरी किए साइबर पुलिस से संपर्क किया। शिकायत मिलते ही साइबर थाना शिमला की टीम ने संबंधित बैंक खातों और लेनदेन की जानकारी जुटाई और त्वरित कार्रवाई करते हुए 34 लाख रुपये होल्ड करवा दिए। अगर शिकायत में और देरी होती, तो पूरी रकम ठगों के हाथों से निकल सकती थी।

पुलिस के अनुसार यह पिछले एक महीने में साइबर ठगी का तीसरा बड़ा मामला है और इसने राज्य में बढ़ती साइबर अपराध की चुनौती को फिर उजागर कर दिया है। साइबर थाना शिमला में दर्ज एफआईआर के आधार पर अब यह जांच की जा रही है कि ठगी करने वाले लोग कहां से ऑपरेट कर रहे थे और इस गिरोह से जुड़े अन्य लोग कौन हैं।

इससे पहले भी हिमाचल में ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर बड़ी ठगी के मामले सामने आ चुके हैं। पिछले दिनों शिमला में एक बागवान के साथ करीब 36 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला दर्ज किया गया था। बागवान को एक अज्ञात कॉल आई थी। इसमें कॉलर ने खुद को एक निजी कंपनी का प्रतिनिधि बताया और ऑनलाइन ट्रेडिंग से बड़े मुनाफे का झांसा दिया। उसे एक ऐप डाउनलोड करवाया गया और धीरे-धीरे आईपीओ, सर्विस चार्ज और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर उससे लाखों रुपये ऐंठ लिए गए। जब और पैसे मांगे जाने लगे, तब जाकर उसे ठगी का एहसास हुआ।

इससे पहले 42 लाख रुपये की साइबर ठगी का एक और मामला सामने आया था। इसमें फेसबुक विज्ञापन के जरिये निवेश का लालच देकर एक व्यक्ति को ठग लिया गया था। इन तीनों मामलों ने यह साफ कर दिया है कि साइबर ठग लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।

साइबर पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या व्हाट्सएप ग्रुप में दिए जा रहे निवेश के ऑफर पर भरोसा न करें। बिना जांच-पड़ताल के किसी ऐप को डाउनलोड न करें और न ही किसी अज्ञात खाते में पैसे भेजें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या साइबर क्राइम पोर्टल पर दें, जिससे समय रहते कार्रवाई की जा सके और मेहनत की कमाई को बचाया जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा