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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली सरकार ने राजधानी में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए 18 दिसंबर से बिना प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (पीयूसी) वाले वाहनों को पेट्रोल और डीजल नहीं देने का फैसला किया है। इससे पहले सरकार ने 1 नवंबर से बीएस-6 से कम मानक वाले वाहनों की एंट्री भी प्रतिबंधित कर दी थी।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में घोषणा की कि गुरुवार से वैध पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना किसी भी वाहन को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार ने तीन नई गाइडलाइन जारी की हैं।
सिरसा ने कहा कि राजधानी में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है और वाहन मालिकों के पास अब केवल आज और कल यानी 16 और 17 दिसंबर, पीयूसी बनवाने का समय शेष है। राजधानी में किसी भी प्रकार का विनिर्माण सामान लाते हुए कोई वाहन पाया गया तो उसे सीज कर लिया जाएगा। ट्रक पहले से ही राजधानी में बैन है। साथ ही बीएस-6 से नीचे किसी भी बाहरी वाहनों को दिल्ली में घुसने नहीं दिया जाएगा।
इस दौरान दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर समस्या पर मनजिंदर सिंह सरसा ने दिल्लीवासियों से प्रदूषण के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि किसी भी नई सरकार के लिए 9-10 महीनों में एक्यूआई को पूरी तरह कम करना असंभव है, लेकिन मौजूदा सरकार पिछले साल की तुलना में बेहतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली का वायु प्रदूषण आआपा की दी हुई बीमारी है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल दिल्ली में प्रदूषण काफी कम रहा है। आज एक्यूआई 363 है, जबकि पिछले साल इसी दिन यह 380 था। पिछले 10 सालों में आम आदमी पार्टी (आआपा) की सरकार ने प्रदूषण पर कोई ठोस काम नहीं किया और दिल्ली को गंभीर समस्या सौंप दी। अब जबकि नई सरकार को आए मात्र 9-10 महीने ही हुए हैं, इस दौरान 11 में से 8 महीने पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहे हैं। यहां तक कि गंभीर स्थिति में भी इस साल प्रदूषण का स्तर पिछले साल से कम है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 10 साल तक कोई समाधान नहीं किया, वहीं आज इस समस्या पर राजनीति और प्रदर्शन कर रहे हैं, यह शर्मनाक है।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी