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पटना, 16 दिसंबर (हि.स.)। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (गृह) ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार जनता से किए गए वादों को निभाने की अपनी राजनीतिक साख के लिए जानी जाती है। मंगलवार काे उन्होंने पत्रकाराें से बातचीत में कहा कि बीते 20 वर्षों में राज्य में 50 लाख सरकारी नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराने के बाद राजग ने अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ सरकारी नौकरी और रोजगार देने का वादा बिहार की जनता से किया था। जनता ने राजग के उस ट्रैक रिकॉर्ड को याद रखा, जिसमें कथनी और करनी के बीच कोई अंतर नहीं है, और उसी भरोसे के आधार पर जनता ने 243 में से 202 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत देकर फिर से सरकार चलाने का हमें जनादेश दिया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनादेश केवल सत्ता के लिए नहीं, बल्कि विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए है। भरोसे की कसौटी पर खरा उतरना राजग सरकार की पहली प्राथमिकता है। यही वजह है कि चुनाव परिणाम आने के महज एक महीने के बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने सात निश्चय-3 को लागू करने का फैसला लेकर यह संकेत दे दिया है कि सरकार रुकने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार मंत्रिमंडल की बैठक में सात निश्चय (2015–2020) और सात निश्चय-2 (2020–2025) के तहत तय लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अब सात निश्चय-3 के जरिए विकास के अगले चरण की शुरुआत करने का निर्णय लिया गया है। इस चरण का पहला और सबसे बड़ा निर्णय दोगुना रोजगार–दोगुनी आय है, हमारा उद्देश्य राज्य की प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करना है।
सात निश्चय-3 के तहत मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 10 हजार रुपये की प्रारंभिक सहायता दी जा रही है और रोजगार विस्तार के लिए 2 लाख रुपये तक का सहयोग मिलेगा। वर्ष 2023 में कराई गई जाति आधारित गणना और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर चिह्नित 94 लाख गरीब परिवारों को प्राथमिकता के साथ रोजगार योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए हाट-बाजारों का विकास किया जाएगा। रोजगार सृजन के लिए अलग से युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग का गठन किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-3 के तहत ही औद्योगिक विकास को रफ्तार देने की तैयारी है। इसके लिए तीन उच्चस्तरीय समितियों का गठन किया गया है, जिनका उद्देश्य बिहार को पूर्वी भारत का टेक हब बनाना और बिहार को निवेश के लिहाज से सबसे आकर्षक बनाना है। सभी जिलों में औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के साथ अगले पांच वर्षों में 50 लाख करोड़ रुपये के निजी निवेश का लक्ष्य रखा गया है। छोटे उद्योगों को मजबूती देने के लिए एमएसएमई निदेशालय और बिहार विपणन प्रोत्साहन निगम की स्थापना की गई है। बंद पड़ी 9 चीनी मिलों को दोबारा चालू करने और 25 नई चीनी मिलें लगाने का फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना से जुड़े अन्य निश्चयों के जरिए सरकार समग्र विकास का खाका खींच रही है। सबका सम्मान–जीवन आसान निश्चय के तहत तकनीक और सुशासन के माध्यम से आम आदमी के जीवन को सरल बनाने पर जोर दिया जाएगा। चौधरी ने कहा कि सात निश्चय-3 केवल एक सरकारी दस्तावेज नहीं, बल्कि एनडीए सरकार की राजनीतिक प्रतिबद्धता और विकास की घोषणा-पत्र जैसी गारंटी है, जिसे जमीन पर उतारना हमारी प्राथमिकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी