Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली सरकार ने राजधानी में प्रशासनिक कार्यों को अधिक कुशल, सुगम और नागरिक केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दिल्ली के मौजूदा 11 राजस्व जिलों का पुनर्गठन करते हुए 13 नए राजस्व जिलों के गठन को मंजूरी प्रदान की गई। यह निर्णय शासन को सरल, पारदर्शी और समन्वित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि “दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत बनाने का यह निर्णय वर्षों से लंबित था, जिसे किसी भी सरकार ने निपटाने का प्रयास नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन किसी भी शासन का केंद्र बिंदु होता है और जनता के जीवन में सरकार की सबसे नज़दीकी इकाई है। दिल्ली की तेजी से बढ़ती आबादी, निर्माण गतिविधियों, शहरी विस्तार और नागरिक सेवाओं की जटिलताओं को देखते हुए जिला प्रशासन को और अधिक संगठित, प्रभावी और जवाबदेह बनाना समय की जरूरत था।
उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे महानगर में सेवाओं के बेहतर समन्वय, त्वरित वितरण, शिकायतों के तेज समाधान और प्रभावी निगरानी के लिए छोटे, संतुलित और प्रशासनिक रूप से सशक्त जिलों का गठन आवश्यक था। इसी उद्देश्य से अब दिल्ली में 11 की जगह 13 जिलों का गठन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लंबे समय से दिल्ली के राजस्व जिलों की सीमाएं नगर निगम जोन, एनडीएमसी और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड की सीमाओं से मेल नहीं खाती थीं। इससे सेवा वितरण में देरी, शिकायतों में भ्रम, भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन में कठिनाई और विभिन्न विभागों के क्षेत्रों में असमानता जैसी समस्याएँ लगातार उत्पन्न होती थीं।
नए पुनर्गठन के बाद 13 जिलों की सीमाएं पूरी तरह से दिल्ली नगर निगम, एनडीएमसी और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड की सीमाओं के अनुरूप होंगी, जिससे शासन में स्पष्टता आएगी और विभागों के बीच समन्वय तेज होगा।
13 जिले और 39 सब-डिविजन, सभी जिलों में मिनी सचिवालय : नई संरचना के तहत 11 जिलों को बढ़ाकर 13 और 33 सब-डिविजन को बढ़ाकर 39 सब-डिविजन किया जा रहा है। इससे अधिकारियों पर कार्यभार संतुलित होगा और नागरिकों को सेवाएं अधिक त्वरित मिलेंगी।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दिल्ली सरकार सभी 13 जिलों में आधुनिक, बहु-विभागीय ‘मिनी सचिवालय’ स्थापित करेगी, जहां नागरिकों को एक ही स्थान पर राजस्व कार्यालय, एसडीएम, एडीएम, तहसील, उप-पंजीयक कार्यालय समेत अनेक सेवाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि कई विभागों के दफ़्तर अलग-अलग इमारतों में होने से नागरिकों को भारी असुविधा होती थी। मिनी सचिवालय बनने से सेवाएं एक ही परिसर में मिलने लगेंगी, समन्वय बढ़ेगा और जिलाधिकारियों द्वारा निगरानी व समीक्षा अधिक प्रभावी हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि संपत्ति पंजीकरण को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की संख्या 22 से बढ़ाकर 39 की जा रही है। इन कार्यालयों की सीमाओं को भी सब-डिविजन के साथ पूरी तरह से मेल कराया जाएगा।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव