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मालदा, 02 नवंबर (हि. स.)। जिले के हरिशचंद्रपुर में तीन दिन के नवजात शिशु की मौत पर तनाव फैल गया है। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
नवजात शिशु के परिजनों ने रविवार को हरिश्चंद्रपुर ब्लॉक एक नंबर ग्रामीण अस्पताल के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। घटना की खबर मिलने पर हरिशचंद्रपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची।
बताया जा रहा है कि हरिशचंद्रपुर के पिपला गांव निवासी मानिक दास की पत्नी नेहा विश्वास ने 31 तारीख को हरिशचंद्रपुर ग्रामीण अस्पताल में एक शिशु को जन्म दिया था।
शिशु स्वस्थ और सामान्य था। रविवार सुबह शिशु की हालत अचानक बिगड़ गई। उस समय जब डॉक्टर को इसकी सूचना दी गई, तो डॉक्टर ने कथित तौर पर परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया।
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर की मनाही के बावजूद बच्चे को बाहरी दूध पिलाया गया था। दूध उसके गले में अटक गया और बच्चे की मौत हो गई। नेहा दास के मामा संतू दास ने कहा कि शिशु को बाहरी दूध नहीं पिलाया गया था। अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो शिशु बच सकता था।
इस संबंध में कार्यवाहक प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. छोटन मंडल ने कहा कि घर के लोगों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे को बाहर से दूध पिलाने की घटना के बारे में उन्होंने सुना है। घटना की जांच की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / सचिन कुमार