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भागलपुर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक परिचर्चा का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में विश्वविद्यालय के सीनेट सभागार में कुलपति के आदेश से कार्यक्रम समन्वयक डॉ राहुल कुमार के नेतृत्व में किया गया।
परिचर्चा का विषय अखंड भारत के निर्माण में सरदार पटेल की भूमिका था। कार्यक्रम में मुख्य रूप से तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के लोकपाल डॉ. उदय प्रताप मिश्र, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ. अर्चना शाह, डॉ. विवेक कुमार हिंद और डॉ. आशुतोष कुमार वक्ता उपस्थित थे। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राहुल कुमार भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के लोकपाल डॉ. उदय कुमार मिश्र ने की और संचालन कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. शैलेश मिश्रा ने किया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि आज से 150 वर्ष पूर्व सन 1875 में सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म गुजरात के नडियाद में हुआ था। उनके द्वारा किए गए बारदोली सत्याग्रह, खेड़ा सत्याग्रह और 562 रियासतों के भारत संघ में एकीकरण के विषय में विस्तार से चर्चा की गई।
प्रोफेसर यूके मिश्रा ने राष्ट्रीय एकता में बाधा उत्पन्न करने वाले जातिवाद क्षेत्रवाद और संप्रदायवाद को चिन्हित किया तो वहीं अध्यक्ष छात्र कल्याण ने भारत सरकार द्वारा प्रेषित एकता शपथ छात्र-छात्राओं को दिलाया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राहुल कुमार ने स्वागत भाषण और आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में छात्र-छात्र उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर