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दरभंगा, 31 अक्टूबर (हि.स.)। अलीनगर में चक्रवाती तूफान माेथा के असर से हुई मूसलाधार बारिश ने जहां आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं यह बारिश किसानों के लिए मुसीबत बनकर आकाश से बरसी है।
गुरुवार की रात से लेकर शुक्रवार की दिनभर हुई तेज बारिश और हवा के झोंकों से खेतों में पानी भर गया। पक चुके धान की बालियाँ पूरी तरह जमीन पर गिर गईं, जिससे फसल की उपज पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
कई किसान अपने खेतों में धान की कटाई की तैयारी में जुटे थे, जबकि कुछ ने फसल काटकर घर लाने की तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन अचानक हुई इस बारिश ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। खेतों में जलजमाव और मिट्टी के गीले हो जाने से अब मशीनों से कटाई करना भी संभव नहीं दिख रहा है, जिससे किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि इस साल शुरुआत में बारिश नहीं होने के कारण उन्होंने पंपिंग सेट के सहारे धान की खेती की थी, और अब जब फसल घर आने का समय आया, तब इंद्रदेव का प्रकोप उन पर टूट पड़ा।
वहीं, जिन किसानों ने अपने खेतों में रबी फसलों — सरसों, राई, मसूर, मटर और अन्य दलहनी-तेलहनी फसलों — की बुवाई कर दी थी, उन खेतों में भी भारी पानी भर गया है। जिससे अधिकांश फसलें सड़ने लगी हैं और किसानों को दोबारा बुवाई करनी पड़ेगी, जिससे आर्थिक नुकसा
न तय है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Krishna Mohan Mishra