शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा का झांसा देकर दो लोगों से 1 करोड़ 6 लाख 8 हजार रुपए की ठगी
प्रतीकात्मक छवि


गाजियाबाद, 29 अक्टूबर (हि.स.)। साइबर अपराधियों ने शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का झांसा देकर महिला समेत दो लोगों से एक करोड़ 6 लाख 8 हजार रुपए की रकम ठग ली। जालसाजों ने ऑनलाइन मुनाफा दर्शाकर पीड़ितों को जाल में फंसाया और फिर मोटी रकम ट्रांसफर करा ली। पीड़ितों की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर मामलों की जांच शुरू कर दी है।

अपर पुलिस उपायुक्त अपराध पीयूष सिंह ने बताया कि कौशांबी स्थित सुपरटेक रमेश्वर ऑर्किड्स सोसाइटी में रहने वाली एन.वी. गीथा ने साइबर थाने में आज दी शिकायत में बताया कि वह शेयर मार्केट के बारे में ऑनलाइन जानकारी जुटा रही थीं। इसी दौरान फेसबुक पर उन्हें एक व्हॉट्सऐप ग्रुप का लिंक मिला।

इसके बाद नेहा नैय्यर नाम की महिला ने खुद को नॉम्यूरक्स नाम की शेयर ट्रेडिंग कंपनी से बताते हुए उन्हें व्हॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया। इसके बाद उसने नॉम्यूरक्स नाम की मोबाइल ऐप के जरिये एक हजार फीसदी मुनाफे के प्लान में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। एन.वी. गीथा के अनुसार कंपनी की ऐप और वेबसाइट पर सेबी का रजिस्ट्रेशन नंबर और मुंबई का पता दर्शाया गया था, जिसे उन्होंने असली समझ लिया। आरोप है कि जालसाजों ने निवेश के नाम पर कई खातों के जरिये पैसे जमा कराए। पीड़िता का कहना है कि उन्होंने 26 अगस्त 2025 से 19 सितंबर 2025 के उन्होंने अपने तीन बैंक खातों से कुल 88.29 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। जालसाजों ने शुरू में विश्वास दिलाने के लिए उन्हें 20 हजार रुपये वापस भी भेजे। इसके बाद जब उन्होंने रिफंड मांगा तो ऐप बंद हो गया और सभी से संपर्क टूट गया। जांच करने पर कंपनी की ऐप के द्वारा उपलब्ध कराए गए सेबी प्रमाण-पत्र और बैंक अनुमोदन फर्जी पाए गए। घटना के संबंध में पीड़िता ने साइबर थाने में केस दर्ज कराया।

उन्होंने बताया कि वसुंधरा सेक्टर-एक के जागृति विहार में रहने वाले अरूण कुमार शर्मा ने साइबर क्राइम थाने में बुधवार काे रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 20 जुलाई 2025 को मुस्कान अग्रवाल नाम की महिला ने उनसे व्हॉट्सऐप पर संपर्क किया। उसने खुद को एक ट्रेडिंग ऐप में कार्यरत बताकर रोजाना 10 से 20 प्रतिशत मुनाफा दिलवाने का झांसा दिया। महिला ने एक लिंक के जरिए उन्हें एक ऐप डाउनलोड करवाया और उस पर निवेश करने के लिए प्रेरित किया। अरूण कुमार शर्मा के मुताबिक उन्होंने विश्वास करते हुए बीती 20 जुलाई से 29 सितंबर के बीच विभिन्न बैंक खातों में कई ट्रांजेक्शन के माध्यम से 17.79 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। पीड़ित का कहना है कि उन्होंने जब उन्होंने मुनाफे सहित रकम वापस मांगी तो जालसाजों ने लौटाने से मना करते हुए संपर्क तोड़ लिया। ठगी गई राशि कई खातों में भेजी गई।

एडीसीपी का कहना है कि दोनों पीड़ितों की शिकायत के आधार पर साइबर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। बैंक खातों और मोबाइल नंबरों के आधार पर जालसाजों को चिन्हित करने का प्रयास किया जा रहा है। पीड़ितों की रकम वापस दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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हिन्दुस्थान/सुरेश

हिन्दुस्थान समाचार / सुरेश चौधरी