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जौनपुर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की “डीएसटी–पर्स” परियोजना की प्रगति समीक्षा बैठक कुलपति प्रो. वंदना सिंह की अध्यक्षता में कुलपति सभागार में हुई। बैठक में कुलपति ने दिसम्बर तक सभी स्वीकृत उपकरणों और रसायनों की खरीद प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि परियोजना के वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (एसएसआर) के तहत विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के 10 शोधार्थियों को शोध उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। चयनित विद्यार्थियों को उनके शोध कार्य हेतु पांच हजार रुपये तक की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त दो परास्नातक छात्रों को डिज़र्टेशन कार्य में सहयोग देने, 20 छात्रों को दो हजार रुपये तक की सहायता और पांच छात्रों को स्टार्टअप या औद्योगिक सहयोग के अंतर्गत कृषि उत्पादों से जुड़े लघु उपकरणों के डिज़ाइन हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करने की घोषणा की गई।
परियोजना समन्वयक डॉ. धीरेंद्र चौधरी ने बताया कि डीएसटी द्वारा परियोजना की प्रथम वर्ष की धनराशि 22 मई 2025 को जारी की गई थी। परियोजना से जुड़ी टीम ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उच्च दक्षता वाले सोलर सेल का सफल प्रदर्शन किया है। जबकि हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में जल अपघटन तकनीक से हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गई है। ऊर्जा संचयन हेतु उच्च धारिता वाले सुपर कैपेसिटर और पर्यावरण–अनुकूल हरित स्नेहक का विकास भी किया गया है। अब तक 15 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं, जबकि 18 शोध पत्र प्रकाशनार्थ भेजे गए हैं।
बैठक में आईक्यूएसी समन्वयक प्रो. गिरिधर मिश्र, प्रोजेक्ट सह-समन्वयक डॉ. काजल डे, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. रमांशु सिंह, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. सुजीत चौरसिया, डॉ. दिनेश वर्मा, डॉ. अजीत सिंह और डॉ. मिथिलेश यादव आदि प्राध्यापक उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव