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डेहरी आन सोन, 29 अक्टूबर (हि.स.)। स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की डेढ़ सौ वी जयंती पर देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं। इसमें एक प्रमुख कार्यक्रम जल संगम से जनसंगम भी है। जिसे संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा आयोजित किया गया है।
इसके तहत देश की 25 नदियों के जल से नई दिल्ली में सरदार पटेल का जलाभिषेक किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत सोन नदी का भी चयन हुआ है। यहां सोन नदी के एनीकट स्थित घाट पर जल संग्रह किया गया। जल संग्रह से पूर्व दिल्ली से आये सोमा विश्वास व अशोक कुमार समेत अन्य चार प्रतिनिधियो ने यमुना नदी के पवित्र जल का संगम सोन नदी से कराया। इस जल को सरदार पटेल के जलाभिषेक हेतु दिल्ली भेजा जाएगा।
स्थानीय महिला कॉलेज डालमियानगर के प्रभारी प्राचार्य डॉ दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्रता के पश्चात भारत को एक रखने में जो तटस्थता और दृढ़ता दिखाई वह हर देशवासियों के लिए अनुकरणीय है।सरदार पटेल और उनके जीवन को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हो रहा है। आज 140 करोड़ देशवासी सरदार पटेल के सम्मान में अपनी कृतज्ञता प्रकट कर रहे हैं। सरदार पटेल की जयंती पर 31 अक्टूबर को इन पवित्र जड़ों से सरदार पटेल का जन्मदिन जलाभिषेक नई दिल्ली में होगा। इस पवित्र जल संग्रह के संग्रह का सौभाग्य मुझे मिला है यह मेरे जीवन के लिए अविस्मरणीय पाल है।
कालेज की एन एस एस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ नीतू रानी ने कहा कि यह सिर्फ मेरा नहीं बल्कि संपूर्ण बिहार का सौभाग्य है कि सोन नदी के पवित्र जल से सरदार पटेल का जलाभिषेक होगा।उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम देश की नदियों की एकता का प्रतीक है। भारत की श्रेष्ठता का प्रतीक है। सरदार पटेल के प्रति देश के कृतज्ञ प्रणाम का प्रतीक है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार पटेल के मार्ग पर चलकर देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने को संकल्पित है। या कार्यक्रम उस संकल्प की सिद्धि प्रदान करने का प्रतीक है।
मौके पर कॉलेज के व्याख्याता डॉ राजीव डॉक्टर मिथिलेश सिंह डॉक्टर स्मिता डॉ संगीता डॉ हरेंद्र सिंह समेत एनएसएस के स्वयंसेवक मौजूद थी
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हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र मिश्रा