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अजमेर, 29 अक्टूबर(हि.स.)। अजमेर के जिला एवं सत्र न्यायालय के नए भवन में शिफ्टिंग को लेकर वकीलों का विरोध दूसरे दिन ना सिर्फ जारी रहा अपितु उग्र हो गया है। वकीलों ने बुधवार को कार्य का बहिष्कार किया और संयोगिता नगर में बने नए सात मंजिला भवन के मुख्य द्वार पर लगा टेंट का स्वागत द्वार उखाड़ कर गिरा दिया एवं टायर जला कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान वकील समुदाय के लोग वकील एकता जिंदाबाद और डीजे तेरी तानाशाही नहीं चलेगी नहीं चलेगी के नारे लगाते रहे।
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चंद्रभान सिंह राठौड़ ने मीडिया को दिए बयान में बताया कि पूर्व में तय कार्यक्रम के अनुसार नए भवन में कोर्ट शिफ्ट होने पर वकीलों को बैठने की व पक्षकारों को सुनने के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने की सुविधा दिए जाने पर सहमति बनी थी। इस दृष्टि से संयोगिता नगर के नए कोर्ट भवन के पास ही अधिवक्ता भवन को पांच मंजिला बनाने और उसमें करीब 3 सौ से अधिक चैम्बर अधिवक्ताओं के लिए उपलब्ध कराने की बात हुई थी। एक कमरे में पांच से छह वकीलों के बैठने की भी व्यवस्था बननी थी किन्तु पांच मंजिला बनने वाला भवन सिर्फ दो मंजिला ही बना और उसमें भी मात्र 78 चैम्बर बनाए गए हैं। उनमें कौन कैसे किस तरह से वकीलों को बैठने के लिए मिलने है कुछ तय नहीं है। शेष भवन का बजट कहां चला गया वगैरह प्रश्न खड़े हुए है। इधर, जिला न्यायाधीश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को बुला कर कोर्ट शिफ्ट कराने पर अड़ गए हैं इसे लेकर वकीलों में रोष है। कोर्ट तब ही शिफ्ट होगी जब वकीलों के बैठने की व्यवस्थाएं पुख्ता होंगी। तब तक वकील कार्य का बहिष्कार करेंगे।
गौरतलब है कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के हाथों नए कोर्ट भवन की चाबियां अजमेर जिला न्यायाधीश को सौंप कर अदालत का कामकाज नए भवन में शुरू करने की तैयारी है। इसे लेकर वकील नाराज है। उनका कहना है कि अकेले कोर्ट के शिफ्ट हो जाने से कोर्ट नहीं चलेगी। वकीलों को भी साथ ले जाने से कोर्ट चलेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष