सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डॉ. जितेंद्र सिंह से की मुलाकात, डॉपलर वेदर रडार की स्थापना के लिए सरकार का जताया आभार
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने डॉ. जितेंद्र सिंह से की मुलाकात


नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और राज्य में मौसम पूर्वानुमान तथा आपदा प्रबंधन से जुड़ी संरचनाओं को सुदृढ़ करने पर चर्चा की।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार का हिमाचल प्रदेश में डॉपलर वेदर रडार स्थापित करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस रडार की स्थापना से राज्य में मौसम पूर्वानुमान और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली की सटीकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

मुख्यमंत्री ने हाल के बादल फटने और अचानक आई बाढ़ों का उल्लेख करते हुए राज्य में अतिरिक्त डॉपलर रडार और स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित करने का अनुरोध किया, ताकि प्रत्येक जिला—विशेष रूप से आपदा-प्रवण क्षेत्रों—को भविष्य की मौसमजनित चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपटने में सहायता मिल सके।

बैठक के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार सभी राज्यों को जलवायु लचीलापन और आपदा न्यूनीकरण के प्रयासों में पूर्ण सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय देश के मौसम विज्ञान नेटवर्क के विस्तार पर निरंतर कार्य कर रहा है, विशेष रूप से पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में, ताकि जनता और स्थानीय प्रशासन तक महत्वपूर्ण मौसम संबंधी सूचनाएँ समय पर पहुँचे।

प्रधानमंत्री मोदी के सहकारी संघवाद के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार 2014 से सभी राज्यों के साथ समान और निष्पक्ष व्यवहार करते हुए वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता के सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण हमेशा राज्यों को सशक्त बनाने और स्थानीय प्रशासन को उभरती चुनौतियों का त्वरित और प्रभावी ढंग से सामना करने में सक्षम बनाने का रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि उन्नत मौसम संबंधी उपकरण—जैसे डॉपलर रडार और स्वचालित मौसम केंद्र—आपदा तैयारी के साथ-साथ कृषि, जलविद्युत और पर्यटन जैसे क्षेत्रों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों में इस बुनियादी ढाँचे के विस्तार के लिए पूरा सहयोग प्रदान करेगी, जिससे जनसुरक्षा और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली और सुदृढ़ हो सके।

बैठक में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को और मज़बूत करने की साझा प्रतिबद्धता पर बल दिया गया, ताकि हिमाचल प्रदेश का विकास जलवायु जोखिमों के प्रति अधिक लचीला और सतत बन सके। दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि भारतीय मौसम विभाग और राज्य प्राधिकरणों के बीच समन्वय को और सुदृढ़ कर हिमाचल प्रदेश की आपदा प्रतिक्रिया क्षमता को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी