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नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली में कृत्रिम बारिश को लेकर बुधवार को होने वाली क्लाउड सीडिंग परीक्षण को बादलों में नमी कम होने की वजह से स्थगित कर दिया गया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्लाउड सीडिंग पर आज कहा कि मंगलवार को एक सफल और ऐतिहासिक परीक्षण हुआ। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक अभी तक भी 10-15 फीसद नमी है और कल इसी पर परीक्षण किया गया।
सिरसा ने कहा कि अगला परीक्षण बादलों में 20-25 फीसद नमी होने पर होगा और दिल्ली में ऐसे नौ से दस क्लाउड सीडिंग के परीक्षण किए जाएंगे। इससे कृत्रिम बारिश के लिए बादलों में आवश्यक नमी के स्तर की जानकारी प्राप्त होगी, जिससे सरकार दिल्ली में जरूरत पड़ने पर कृत्रिम बारिश करा पाएगी।
सिरसा ने कहा कि पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार पिछले 10 वर्षों से इस पर चर्चा कर रही है, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में क्लाउड सीडिंग परीक्षण ने एक नया मुकाम हासिल किया है।
आईआईटी कानपुर के मुताबिक, मंगलवार को बारिश नहीं हो सकी क्योंकि नमी का स्तर लगभग 15 से 20 फीसद था, लेकिन परीक्षण से अहम जानकारी मिली। दिल्ली भर में स्थापित निगरानी केंद्रों ने कणिकाओं और नमी के स्तर में वास्तविक समय में होने वाले बदलावों को दर्ज किया। आंकड़ों से पता चलता है कि पीएम2.5 और पीएम10 सांद्रता में 6 से 10 प्रतिशत की मापनीय कमी आई है, जो दर्शाता है कि सीमित नमी की स्थिति में भी क्लाउड सीडिंग वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में योगदान दे सकती है।
उल्लेखनीय है कि क्लाउड सीडिंग बादलों में बदलाव कर वर्षा कराने वाली एक तकनीक है। इसमें एक विमान का उपयोग करके सिल्वर आयोडाइड या रासायनिक घोल जैसे कणों को बादलों में मिलाया जाता है, जो बीज के रूप में कार्य करते हैं और जिनके चारों ओर जल वाष्प संघनित होता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव