मप्र में स्थापित होगी 496 करोड़ रुपये की पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म निर्माण परियोजना, केन्द्र ने दी मंजूरी
पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म निर्माण परियोजना (प्रतीकात्मक तस्वीर)


भोपाल, 27 अक्टूबर (हि.स.)। भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) के तहत मध्य प्रदेश में 496 करोड़ रुपये के निवेश वाली पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म निर्माण परियोजना स्थापित होगी। पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म कैपेसिटर निर्माण में प्रयुक्त होने वाली प्रमुख सामग्री है। इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, आईसीटी, औद्योगिक एवं विनिर्माण, दूरसंचार एवं कंप्यूटिंग उपकरणों के लिए इसका निर्माण अब भारत में होने लगेगा।

जनसम्पर्क अधिकारी अवनीश सोमकुवर ने बताया कि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को सात परियोजनाओं की पहली श्रृंखला को मंजूरी दे दी है। इसके बाद मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी), एचडीआई पीसीबी, कैमरा मॉड्यूल, कॉपर क्लैड लैमिनेट और पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म भारत में भी बनाई जाएंगी। यह कदम भारत में तैयार उत्पादों के निर्माण से लेकर मॉड्यूल, कंपोनेंट, सामग्री और उनके निर्माण में प्रयुक्त मशीनरी के निर्माण तक की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्या है ईसीएमएस?

जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि इस योजना को घरेलू और वैश्विक दोनों कंपनियों की ओर से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। इसका लाभ लेने 249 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें 1.15 लाख करोड़ रुपये का निवेश, 10.34 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन और 1.42 लाख नौकरियों का सृजन शामिल है। यह भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।

उन्होंने बताया कि सोमवार को 5,532 करोड़ रुपये लागत की सात परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं से 36,559 करोड़ मूल्य के कलपुर्जों का उत्पादन होगा और 5,100 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा। स्वीकृत इकाइयों में तमिलनाडु को पांच, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश को एक एक इकाई मिली। यह संतुलित क्षेत्रीय विकास और महानगरों से परे उच्च तकनीक निर्माण के विस्तार को दर्शाता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा निर्माण योजना 8 अप्रैल 2025 को 22,919 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ अधिसूचित की गई थी जो लगभग 2.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है। इसकी अवधि छह वर्ष है। इस योजना का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रॉनिक्स घटक निर्माण के लिए एक मज़बूत और आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। घरेलू तथा वैश्विक निवेश को आकर्षित करना, उच्च घरेलू मूल्यवर्धन को बढ़ावा देना एवं भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार में एक प्रमुख निर्माता के रूप में स्थापित करना है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर