पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस्तांबुल में दूसरे दौर की वार्ता आज
अफगानिस्तान के कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक जिले में 15 अक्टूबर को  पाकिस्तान के सैन्य बलों के हमले के बाद का मंजर। फोटो - अफगान रक्षा बल के सौजन्य से।


इस्तांबुल/इस्लामाबाद/काबुल, 25 अक्टूबर(हि.स.)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच दूसरे दौर की वार्ता आज तुर्किये के इस्तांबुल में शुरू होने वाली है। इस दौरान दोनों पक्ष दोहा में पहले चरण के दौरान उठे मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी इस्लामाबाद में दी। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने कहा कि इस्तांबुल बैठक पहले दौर की दोहा वार्ता की निरंतरता है। दोहा वार्ता के परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच युद्धविराम हुआ था।

पाकिस्तान के अखबार द न्यूज, तुर्किये के अखबार डेली सबाह और अरब न्यूज की रिपोर्ट्स के अनुसार, घातक झड़पों के बाद दूसरे दौर की वार्ता के लिए पाकिस्तानी और अफगान अधिकारी इस्तांबुल शहर में हैं। अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में दोनों देशों के बीच हुई हिंसा में दोनों पक्षों के दर्जनों लोग मारे गए। दोनों पड़ोसी देश तीखे सुरक्षा विवाद में उलझे हुए हैं। दोनों पक्ष कह रहे हैं कि वे एक-दूसरे की आक्रामकता का जवाब दे रहे हैं।

पाकिस्तान खासतौर पर अफगानिस्तान के तालिबान शासकों पर आतंकवादी समूहों, खासकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाता रहता है। हालांकि तालिबान शासक इस आरोप को खारिज करते हैं। पिछले सप्ताहांत कतर और तुर्किये ने शत्रुता को रोकने के लिए युद्धविराम की मध्यस्थता की। युद्धविराम काफी हद तक कायम है। पाकिस्तान छोड़ने वाले अफगान शरणार्थियों को छोड़कर दोनों देशों की सीमाएं बंद हैं।

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अंद्राबी ने उम्मीद जताई कि इस्तांबुल में तुर्किये की मध्यस्थता में होने वाली वार्ता में विवादित मसलों को सुलझाने पर सहमति बनेगी। उधर, अफगानिस्तान के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा है कि सीमा पारगमन और व्यापार ठप हो जाने से व्यापारियों को प्रतिदिन लाखों डॉलर का नुकसान हो रहा है। दक्षिणी कंधार प्रांत हालिया लड़ाई से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। खासकर सीमा पर स्पिन बोल्डक में पाकिस्तानी हवाई हमलों में लोग मारे गए और घर तबाह हो गए। तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उप आंतरिक मंत्री हाजी नजीब इस्तांबुल में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच लड़ाई ने लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। दोनों देशों के बीच 2,611 किलोमीटर (1,622 मील) लंबी सीमा है। इसे डूरंड रेखा के नाम से जाना जाता है। इसे अफगानिस्तान ने कभी मान्यता नहीं दी। उनके बीच सिर्फ दो मुख्य व्यापार मार्ग हैं। बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था ने स्थानीय लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। हजारों लोग और वाहन एक हफ्ते तक सीमा चौकियों पर फंसे रहे हैं। पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों पर देशव्यापी कार्रवाई के तहत दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान में चमन क्रॉसिंग केवल अफगान शरणार्थियों के लिए खुली है। अफगानिस्तान से प्रवेश, जिसमें व्यापार और पैदल आवाजाही भी शामिल है, निलंबित है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद