भोपाल में 78वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा 14 नवंबर से होगा शुरू
इज्तिमा स्थल पर नागरिक सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था के लिये संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक


- कमिश्नर ने दिए इज्तिमा की तैयारियों में सुरक्षा, समन्वय एवं संचार पर विशेष ध्यान देने के निर्देश

भोपाल, 24 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दुनिया के सबसे बड़े मजहबी आयोजनों में एक आलमी तब्लीगी इज्तिमा आगामी 14 नवम्बर से शुरू हो रहा है। भोपाल में इज्तिमा का यह 78वां साल है। इस बार यह और भी भव्य और संगठित रूप में आयोजित किया जाएगा। भोपाल के ईटखेड़ी में 14 से 17 नवंबर तक होने वाले इस विश्वस्तरीय आयोजन में करीब 12 लाख से अधिक जायरीन के आने की उम्मीद है। इज्तिमा कमेटी ने पिछले वर्ष की तुलना में सभी व्यवस्थाओं में 20 फीसदी का इज़ाफ़ा किया है, चाहे वह पंडाल, खानपान, सर्विस एरिया या पार्किंग का विस्तार हो।

भोपाल संभागायुक्त संजीव सिंह ने शुक्रवार को इज्तिमा स्थल पर नागरिक सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था के लिये संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में आईजी अभय सिंह, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह सहित इज्तिमा समिति के पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। संभागायुक्त सिंह ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि अपने-अपने कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करें तथा इज्तिमा स्थल पर आने वाले जमातो की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए।

आईजी अभय सिंह ने निर्देश दिए कि इज्तिमा स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ रखी जाए। स्थल पर पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएं एवं भीड़ नियंत्रण की पर्याप्त व्यवस्था रहे तथा ट्रैफिक पुलिस द्वारा सुचारू यातायात सुनिश्चित किया जाए, ताकि जमातो को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएं, जिससे जमातो को सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं इज्तिमा समिति के बीच सुगम समन्वय और संचार बना रहे। सभी विभागों को स्थल पर जाकर कार्यों की स्थिति का भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन के कार्य की पूर्व एवं पश्चात जांच करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी कार्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप किए जाएं। साथ ही वालंटियर की सूची तैयार कर उन्हें इज्तिमा स्थल की सभी व्यवस्थाओं की जानकारी दी जाए ताकि जमातो को समय पर सहयोग प्राप्त हो सके।

संभागायुक्त सिंह ने यह भी कहा कि इज्तिमा के दौरान स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ रहें तथा किसी भी आपात स्थिति में रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम रहे। उन्होंने फूड सेफ्टी अधिकारी को खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांचने एवं जल गुणवत्ता परीक्षण कराने के निर्देश दिए, जिससे किसी प्रकार की दुर्घटना या अस्वास्थ्यकर स्थिति उत्पन्न न हो। संभागायुक्त ने निर्देशित किया कि इज्तिमा स्थल के लिए मिनट-टू-मिनट एक्शन प्लान तैयार किया जाए और सभी विभाग उसी के अनुरूप कार्य करें, जिससे इज्तिमा सुरक्षित, सुव्यवस्थित एवं सफलतापूर्वक संपन्न हो सके।

120 एकड़ में पंडाल, 300 एकड़ में पार्किंग एरिया

आयोजन कमेटी के मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉक्टर उमर हफीज ने बताया कि इस बार पंडाल का क्षेत्रफल 100 एकड़ से बढ़ाकर 120 एकड़ कर दिया गया है। वहीं जायरीन की आमद को देखते हुए पार्किंग एरिया को 300 एकड़ से अधिक तक फैला दिया गया है। कुल 70 पार्किंग जोन बनाए जा रहे हैं, ताकि ट्रैफिक मैनेजमेंट में कोई दिक्कत न हो।

30 हजार प्रशिक्षित लोग संभालेंगे व्यवस्थाएं

डॉ. उमर हफीज के अनुसार, पूरे आयोजन की व्यवस्था 30 हजार प्रशिक्षित और अनुभवी लोगों के हाथों में है। इनमें 25 हजार वॉलंटियर्स इज्तिमा कमेटी के हैं और 5 हजार का अमला नगर निगम, प्रशासन और पुलिस बल से जुड़ा है। ये सभी क्राउड मैनेजमेंट, सफाई, सुरक्षा और पंडाल व्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहे हैं। भीड़ बढ़ते ही टीम नए टेंट लगाने का काम तुरंत शुरू कर देती है। सफाईकर्मी बोरा लेकर चलते हैं ताकि कहीं भी कचरा इकट्ठा न हो।

उन्होंने बताया कि कमेटी ने इस बार की तैयारियों में हर स्तर पर 20 फीसदी की वृद्धि की है। लाइटिंग, साउंड, पानी और खानपान व्यवस्था को और मज़बूत किया गया है। सर्विस एरिया में अतिरिक्त ट्यूबवेल और जल टैंकर लगाए जा रहे हैं। फूड ज़ोन का आकार भी बढ़ाया गया है ताकि जायरीन को कतार में ज़्यादा देर न लगानी पड़े। इज्तिमा स्थल पर इस बार फायर सेफ्टी, मेडिकल यूनिट और ट्रैफिक कंट्रोल के लिए प्रशासन और कमेटी की संयुक्त टीम तैनात रहेगी। एंट्री और एग्ज़िट पॉइंट्स को पुनः डिजाइन किया गया है ताकि आवागमन सुगम रहे। सुरक्षा कारणों से पंडाल की क्षमता 1.80 लाख से घटाकर 1.40 लाख रखी गई है।

इज्तिमा 5 बड़े इस्लामिक आयोजनों में एक

भोपाल का आलमी तब्लीगी इज्तिमा दुनिया के पांच सबसे बड़े इस्लामिक आयोजनों में से एक माना जाता है। दुनियाभर से इसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। दुनिया में केवल तीन देश भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में इसका आयोजन होता है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर