बांग्लादेश में जुलाई विद्रोह के दौरान हुए हत्याकांड में 15 मौजूदा सैन्य अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, आईसीटी ने जेल भेजा
इन सैन्य अधिकारियों को कड़ी सुरक्षा के बीच आज सुबह करीब 7:00 बजे आईसीटी-1 के सामने पेश किया गया। आईसीटी के आदेश के बाद सभी को हरे रंग की जेल वैन से ले जाया गया। फोटो - द डेली स्टार


ढाका, 22 अक्टूबर (हि.स.)। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 (आईसीटी-1) ने आज सुबह 15 मौजूदा सैन्य अधिकारियों को जेल भेजने का आदेश दिया। इन सभी पर जुलाई विद्रोह के दौरान हत्या करने और दो लोगों को गायब करने का आरोप है। आईसीटी-1 के आदेश के बाद इन सभी सैन्य अफसरों को वैन से जेल ले जाया गया। इन सैन्य अधिकारियों को कड़ी सुरक्षा के बीच आज सुबह करीब 7:00 बजे आईसीटी-1 के सामने पेश किया गया।

बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार के पोर्टल पर प्रसारित रिपोर्ट के अनुसार, इन 15 अफसरों को पहले बांग्लादेश की सेना ने हिरासत में लिया। इसके बाद सभी को कड़ी सुरक्षा के बीच आज सुबह लगभग सात बजे आईसीटी-1 मुख्यालय ले जाया गया। मुख्यालय के आसपास बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी), रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) और पुलिस का कड़ा पहरा रहा। आईसीटी-1 का आदेश आते ही सैन्. अधिकारियों को हरे रंग की एसी सुविधा वाली विशेष जेल वैन में ले जाया गया।

मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने आईसीटी-1 की कार्यवाही के बाद संवाददाताओं को बताया कि आज की सुनवाई के बाद न्यायाधिकरण ने सभी 15 अधिकारियों को जेल भेजने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार जेल अधिकारियों के साथ मिलकर यह तय करेगी कि इन अधिकारियों को जेल में किस सुविधा में रखा जाएगा।

ये अधिकारी हैं-मेजर जनरल शेख मोहम्मद सरवर हुसैन, ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद जहांगीर आलम, तोफायेल मुस्तफा सरवर, मोहम्मद कमरुल हसन, मोहम्मद महबूब आलम, मोहम्मद महबूबुर रहमान सिद्दीकी और अहमद तनवीर मजहर सिद्दीकी, कर्नल अनवर लतीफ खान, एकेएम आजाद, अब्दुल्ला अल मोमेन और मोहम्मद सरवर बिन कासिम, लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद मोशिउर रहमान ज्वेल, सैफुल इस्लाम सुमन और मोहम्मद रेदोवानुल इस्लाम और मेजर रफत बिन आलम मून। मुख्य अभियोजक ने बताया कि न्यायाधिकरण ने हत्या के मामले और गुमशुदगी के मामलों की अगली सुनवाई की तारीख क्रमशः 5 नवंबर और 20 नवंबर तय की है।

इससे पहले 8 अक्टूबर को आईसीटी-1 ने इन मामलों में 32 आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। इनमें से 25 सेवारत और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी हैं। इन आरोपितों में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना, पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल और तीन पूर्व महानिदेशक शामिल हैं। गुमशुदगी केस में हसीना और मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्दीकी को आरोपी बनाया गया है। सिद्दीकी, अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना के रक्षा एवं सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद