उत्तराखंड के राज्यपाल ने किए बाबा केदार के दर्शन किए
उत्तराखंड के राज्यपाल ने किए बाबा केदार के दर्शन किए


केदारघाटी का प्रत्येक कण शिवमय,बाबा से मांगा विश्व कल्याण का आशीर्वाद: राज्यपाल

रुद्रप्रयाग, 21 अक्टूबर (हि.स.)।

उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने मंगलवार को केदारनाथ धाम पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन किए। इस अवसर पर उन्हाेंने बाबा केदार का रुद्राभिषेक पूजन कर विश्व कल्याण, मानवता की समृद्धि और उत्तराखंड के सतत विकास के लिए आशीर्वाद मांगा।

मंगलवारकाेसुबह 8.45 बजे राज्यपाल के धाम आगमन पर अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा और मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत ने हेलीपैड पर पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। राज्यपाल पैदल मार्ग से मंदिर पहुंचे। उन्हाेंने भगवान केदारनाथ का अभिषेक, पूजन-अर्चना किया और मानव कल्याण और राज्य की उन्नति की मनाैती मांगी। राज्यपाल ने कहा कि केदारघाटी का प्रत्येक कण शिवमय है। यहां के पर्वतों में भगवान शिव की उपस्थिति का अनुभव होता है। इस पवित्र भूमि पर कदम रखते ही मन ध्यानमग्न हो जाता है।

पूजन के उपरांत राज्यपाल ने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का अभिवादन किया और बाबा के जयकारे लगाए। उन्हाेंने धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण

करते हुए जानकारी प्राप्त की।

इस माैके पर राज्यपाल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में यात्रा प्रबंधन एवं पुनर्निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने जिला प्रशासन, मंदिर समिति, पुलिस विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित अन्य सहयोगी एजेंसियों की सराहना की। कहा, चारधाम यात्रा को सफल, सुरक्षित और श्रद्धालु-अनुकूल बनाने में आप सभी की भूमिका अत्यंत सराहनीय है। राज्यपाल ने यात्रा में तैनात मंदिर समिति व जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों की सराहना

करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया। कहा कि प्रशासन, पुलिस एवं सेवा दल सभी श्रद्धालुओं को सुविधाजनक यात्रा अनुभव कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रत्येक कर्मचारी पूर्ण निष्ठा और सेवाभाव से कार्य करें।

इस माैके पर बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी मंदिर समिति विजय थपलियाल, उप जिलाधिकारी अनिल शुक्ला, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री राजेंद्र तिवारी, मंत्री अंकित प्रसाद सेमवाल आदि थे।

हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति