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हरिद्वार, 18 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के तहत आयोजित संत संपर्क कार्यक्रम में संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश जोशी उपाख्य भैयाजी जोशी ने कहा कि मूल्यों के रक्षण की जरूरत हम सबके सामने है। चारित्रिक पतन भोगवाद की तरफ ले जा रहा है। हमें प्रयास करना होगा कि सही दिशा में उत्थान के मार्ग पर चलें, इसके लिए ऊर्जा और संतों के आशीर्वाद दोनों की आवश्यकता होगी।
कनखल स्थित कपिल वाटिका में आयोजित कार्यक्रम में भैयाजी जोशी ने संतों का आह्वान किया कि कुछ विधर्मी जबरन धर्मांतरण करा रहे हैं। ताकत के बल पर पूरे विश्व में एकाधिकार जमाने की होड़ चल रही है। ऐसे में हमें हिंदुत्व की रक्षा के लिए संस्कार, पर्यावरण व कुटुंब प्रबोधन का चिंतन जन-जन तक ले जाना होगा।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि संघ न राजनीतिक संगठन है न सामाजिक संगठन है और न कोई संस्था है। संघ एक विराट सनातन परिवार है। जो लोग संघ को राजनीतिक मानते हैं वह इसके बारे में नहीं जानते हैं। उन्हें अपनी अवधारणा को बदलने के लिए संघ में जाना पड़ेगा।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि आज पूरे विश्व मे छोटे-छोटे देश अपने आत्मबल पर टिके हैं। हम भारतीय इसमें काफी पीछे हैं। हम सबको राष्ट्र के प्रति पूर्ण समर्पणभाव से आत्म चिंतन करना होगा। तभी राष्ट्र सशक्त होगा।
कार्यक्रम में स्वामी चिदानन्द मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. हरिचेतनानंद, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी प्रबोधनानन्द, स्वामी राम मुनि, स्वामी रविदेव, स्वामी लोकेश दास, स्वामी ऋषिश्वरानंद, बाबा हठयोगी, स्वामी रामविशाल, स्वामी कृष्णा नन्द, साध्वी मैत्री गिरी, साध्वी प्राची समेत कई अन्य शीर्ष संत शामिल हुए। संघ के सह क्षेत्र संर्पक प्रमुख डॉ.हरीश, प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र, प्रांत संर्पक प्रमुख सीए अनिल वर्मा, प्रांत सामाजिक सद्भाव प्रमुख रमेश, जिला संघचालक डॉ. यतीन्द्र नाग्यान सहित कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला