रेल मंत्रालय ने देवगढ़ मदारिया–मारवाड़ जंक्शन ब्रॉड गेज रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे को दी मंजूरी
रेल मंत्रालय ने देवगढ़ मदारिया–मारवाड़ जंक्शन ब्रॉड गेज रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे को दी मंजूरी


नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (हि.स.)। रेल मंत्रालय ने देवगढ़ मदारिया से मारवाड़ जंक्शन तक 72 किलोमीटर लंबी नई ब्रॉड गेज रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे (एफएलएस) को मंजूरी प्रदान की है।

रेल मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि इस स्वीकृति के बाद जोधपुर और बीकानेर से होकर चित्तौड़गढ़ और उदयपुर तक सीधी रेल संपर्क की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ गया है। नई रेल लाइन के निर्माण से यात्रा का समय और दूरी दोनों में कमी आएगी तथा यात्री और मालगाड़ियों के संचालन की क्षमता में वृद्धि होगी।

बयान में कहा गया है कि यह रेल लिंक राजसमंद, उदयपुर और पाली जिलों के बीच कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करेगा, जिससे उन क्षेत्रों तक आधुनिक रेल सेवाएं पहुंच सकेंगी जहां अब तक सुविधाएं सीमित थीं। इस परियोजना से देवगढ़ मदारिया क्षेत्र के किसानों को भी बड़ा लाभ होगा, क्योंकि उनकी फसलें—विशेषकर फल और सब्जियां—अब मारवाड़ क्षेत्र के नए बाजारों तक आसानी से पहुंच सकेंगी।

नई लाइन से मारवाड़ क्षेत्र में तेज गति की ट्रेनों के संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा। यह विकास कार्य दिल्ली–मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) के रणनीतिक लक्ष्यों के अनुरूप है और विशेष रूप से जोधपुर–पाली औद्योगिक क्षेत्र के लिए लाभकारी सिद्ध होगा, जो पश्चिमी भारत में एक उभरता हुआ औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स हब है। बेहतर रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर से आपूर्ति श्रृंखलाएं मजबूत होंगी, निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा तथा औद्योगिक केंद्रों को देश के प्रमुख बंदरगाहों और बाजारों से अधिक कुशलता से जोड़ा जा सकेगा।

पर्यटन के क्षेत्र में भी इस परियोजना से बड़ा लाभ होने की संभावना है। इस मार्ग से कुंभलगढ़ किला, चारभुजा मंदिर और द्वारकाधीश मंदिर (कंकरोली) जैसे प्रसिद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों तक रेल से पहुंच और आसान हो जाएगी। इससे पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी और स्थानीय व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा।

क्षेत्र में संगमरमर, ग्रेनाइट और सीमेंट उद्योगों को भी रेलवे के मिशन तीन हजार एमटी के तहत माल ढुलाई क्षमता बढ़ने से बड़ा फायदा होगा। कच्चे माल और तैयार उत्पादों की ढुलाई तेज, विश्वसनीय और किफायती बनने से औद्योगिक विकास और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

इसके साथ ही 969 करोड़ रुपये की लागत से चल रही 82 किलोमीटर लंबी नाथद्वारा–देवगढ़ मदारिया ब्रॉड गेज परिवर्तन परियोजना भी सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी। यह परियोजना भील, गरासिया और सहारिया जनजातीय समुदायों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार