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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.)। इंडो-रशियन संयुक्त उद्यम काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस ने बुधवार को राजधानी के भारत मंडपम में चल रही अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी (आईआरईई) 2025 में वंदे भारत स्लीपर फर्स्ट एसी डिब्बे के डिज़ाइन कॉन्सेप्ट का अनावरण किया। इस मौके पर काइनेट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर निशुंक गर्ग और परियोजना के मुख्य औद्योगिक डिज़ाइनर एवगेनी मासलोव ने फर्स्ट एसी कोच के चार बर्थ वाले डिब्बे के वास्तविक आकार के मॉक-अप मॉडल का प्रदर्शन किया।
कंपनी भारतीय रेल के लिए 120 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों (कुल 1,920 कोचों) के निर्माण और रखरखाव का कार्य कर रही है। इस अवसर पर प्रस्तुत नया डिज़ाइन भारतीय रेल यात्रियों के अनुभव को नई दिशा देने वाला बताया जा रहा है, जिसमें आराम, सुविधा और सांस्कृतिक सौंदर्य का समावेश किया गया है।
काइनेट ने अपने डिज़ाइन को यात्री पहले के सिद्धांत पर आधारित बताया। नया फर्स्ट एसी चार बर्थ वाला डिब्बा शांत, उजाला और स्वागतपूर्ण माहौल का अनुभव कराता है। इसमें हर छोटे विवरण पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि यात्रियों को निजीपन और आराम का अनुभव मिल सके।
इस कोच में हर सीट के पास इनबिल्ट यूएसबी पोर्ट, व्यक्तिगत रीडिंग लाइट और कॉम्पैक्ट स्टोरेज स्पेस की सुविधा दी गई है। ऊपर की बर्थ तक पहुंचने के लिए सुव्यवस्थित सीढ़ियां दी गई हैं, जो अधिक सुरक्षित और आरामदायक हैं।
इंटीरियर में नरम टोन वाले रंग, मेटैलिक एक्सेंट्स और भारतीय पारंपरिक ब्लॉक प्रिंटिंग शैली में स्थानीय कलाकारों द्वारा तैयार किए गए नेशनल-स्टाइल मोटिफ का उपयोग किया गया है। यह डिब्बे के अंदर सांस्कृतिक आत्मीयता और भारतीयता का अहसास कराता है।
मासलोव ने कहा कि हमारे दृष्टिकोण में यात्री हमेशा केंद्र में है- हम जो फर्स्ट एसी स्लीपर कम्पार्टमेंट प्रस्तुत कर रहे हैं, वह केवल कुछ लोगों के लिए विलासिता नहीं बल्कि एक शांत और सुकून भरा माहौल है, जो सभी के लिए खुला है। हर तत्व यहां यात्री की देखभाल करता प्रतीत होता है।
मासलोव ने कहा कि हमारा उद्देश्य एक ऐसा वंदे भारत स्वरूप तैयार करना है जो तकनीकी उत्कृष्टता और सांस्कृतिक पहचान का संगम हो। यह डिज़ाइन भविष्य के वंदे भारत ट्रेनों की हमारी टीम की दृष्टि को दर्शाता है। भारतीय रेलवे से अनुमोदन प्राप्त होने के बाद यह कॉन्सेप्ट सीरीज़ प्रोडक्शन में जाएगा।
कंपनी ने इस अवसर पर ट्रेन के बाहरी डिज़ाइन की झलक भी दिखाई, जिसमें आधुनिक ऑटोमोटिव रुझानों से प्रेरित डायनेमिक सरफेसेस, एक्सप्रेसिव लाइटिंग, और बोल्ड ग्राफिक्स शामिल हैं।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर निशुंक गर्ग ने कहा कि भारतीय रेल के साथ हमारी साझेदारी विश्वास और गुणवत्ता पर आधारित है। हम सुरक्षित, आरामदायक और कुशल ट्रेनों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हर दिन हमारी टीम इस दिशा में काम कर रही है ताकि भारत के विकसित भारत@2047 के विज़न में योगदान दे सके।
उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री, लातूर में तेजी से आधुनिकीकरण कार्य चल रहा है और साल 2025 के अंत तक उत्पादन बढ़ाने की योजना है। इस डिज़ाइन का अनावरण परियोजना के विकास क्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
वंदे भारत फर्स्ट एसी डिब्बे का यह फुल-स्केल मॉक-अप मॉडल आगंतुकों के लिए तीनों दिनों तक हाल नंबर 4, स्टॉल नंबर 4.16 में प्रदर्शित रहेगा, जहां रेल उद्योग से जुड़े विशेषज्ञ और आम आगंतुक इसे देख व अनुभव कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस लिमिटेड भारतीय रेलवे के लिए इलेक्ट्रिक यात्री ट्रेनों का निर्माण करने वाली एक इंडो-रशियन संयुक्त कंपनी है। इसे रूस की प्रमुख रोलिंग स्टॉक कंपनियों और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के बीच साझेदारी में स्थापित किया गया है।
कंपनी का उत्पादन संयंत्र लातूर (महाराष्ट्र) में स्थित है, जबकि इसका इंजीनियरिंग केंद्र हैदराबाद में और मेंटेनेंस डिपो जोधपुर, दिल्ली और बेंगलुरु में विकसित किए जा रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार