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--उच्च न्यायालय ने आदेश सुरक्षित कर लिया
प्रयागराज, 15 अक्टूबर (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में बुधवार को फर्रुखाबाद की एसपी आरती सिंह न्याय कक्ष में हाजिर हुई। उन्होंने हलफनामा दाखिल कर क्षमा मांगी। इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। एसपी व अन्य अधिकारियों को उपस्थिति से छूट दे दी गई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर व संजीव कुमार की खंडपीठ ने प्रीति यादव की ओर दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है। फर्रुखाबाद निवासी प्रीति यादव ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी। उनका आरोप था कि आठ सितम्बर की रात नौ बजे थाना प्रभारी अनुराग मिश्रा, सीओ समेत चार-पांच पुलिसकर्मी उनके घर में घुस आए और घर के दो सदस्यों को हिरासत में ले लिया। दोनों लोगों को एक सप्ताह तक हिरासत में रखा। आरोप लगाया कि इस दौरान उनसे एक लिखित बयान लिया कि हम किसी तरह की शिकायत नहीं करेंगे और हमने कोई याचिका दाखिल नहीं की है।
सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से प्रीति के लिखित बयान को प्रस्तुत किया तो कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए 14 अक्टूबर 2025 को एसपी, सीओ राजेश कुमार द्विवेदी और एसएचओ कायमगंज अनुराग मिश्रा का तलब किया था। साथ ही याची प्रीति यादव को भी तलब किया था। याची ने मंगलवार को एसपी की उपस्थिति में पुलिस उत्पीड़न के संबंध में न्यायालय के समक्ष बयान दर्ज कराया।
इस बीच हाईकोर्ट के बाहर फर्रुखाबाद के अधिवक्ता अवधेश मिश्रा को हिरासत में लिए जाने का आरोप लगा। कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बुधवार को एसपी आरती सिंह व अन्य पुलिस अधिकारी कोर्ट के समक्ष हाजिर हुए। एसपी की ओर हलफनामा दाखिल किया गया। कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे