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--डीएम के कानून व अधिकार के विपरीत कार्यवाही करने पर राज्य सरकार पर 50 हजार रूपए लगा हर्जाना
प्रयागराज, 10 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोनभद्र दुद्धी के ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव निरस्त करने के आदेश की वैधता की चुनौती याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए राज्य सरकार पर 50 हजार रूपए हर्जाना लगाया है और सरकार को हर्जाना राशि कलेक्टर से भरपाई करने की छूट दी है।
कोर्ट ने कहा है कि सरकार हर्जाना राशि का याचीगण को एक माह में भुगतान करें। कोर्ट ने कलेक्टर द्वारा अपना वैधानिक दायित्व पूरा न कर अविश्वास प्रस्ताव पर जांच कमेटी गठित करने व डीपीआरओ को आदेश पारित करने के लिए अधिकृत करने व कानून के खिलाफ काम करने पर यह आदेश दिया है।
कोर्ट ने कलेक्टर को नियमानुसार कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए क्षेत्र पंचायत सदस्यों को 15 दिन की नोटिस देकर एक माह में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की बैठक बुलाने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने क्षेत्र पंचायत सदस्य विकास कुमार व एक अन्य की याचिका पर दिया है।
मालूम हो कि, ब्लाक प्रमुख के खिलाफ 139 सदस्यो में से 101 सदस्यों के हस्ताक्षर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जिलाधिकारी ने जांच कमेटी गठित की। जिसने रिपोर्ट दी कि कई सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर हैं। नियमानुसार प्रस्ताव नहीं लाया गया है। जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को रिपोर्ट पर आदेश पारित करने के लिए कहा।
कोर्ट ने कहा डीपीआरओ को अविश्वास प्रस्ताव पर आदेश पारित करने का अधिकार ही नहीं है। उसका इससे कुछ भी लेना देना नहीं है और जिलाधिकारी को प्रस्ताव पर जांच कमेटी बनाने का अधिकार नहीं। उसे स्वयं नियमानुसार कार्यवाही करने का अधिकार है।
जिलाधिकारी व डीपीआरओ के आदेशों सहित जांच रिपोर्ट को कोर्ट ने अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया। और जिलाधिकारी द्वारा कानून और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत कार्यवाही करने के कारण 50 हजार रूपए का हर्जाना लगाया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे