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कोलकाता, 26 सितंबर (हि.स.) । पश्चिम बंगाल के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 'धमकी संस्कृति' (थ्रेट कल्चर) को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। उत्तर बंगाल के एक विशेष गुट पर राज्य के मेडिकल कॉलेजों में धमकी संस्कृति कायम करने का आरोप लगा है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायाधीश विभास पटनायक की खंडपीठ ने इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दा बताया और इस पर राज्य सरकार से हलफनामा मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई नवंबर 2024 में होगी।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से जुड़े मामले के बाद आरोप लगे हैं कि उत्तर बंगाल, बर्दवान और मालदा समेत राज्य के कुछ अस्पतालों में डर का माहौल बना हुआ है। कहा जा रहा है कि इन अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों को एक विशेष समूह द्वारा धमकाया जा रहा है। इस मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता अर्चिष्मान भट्टाचार्य ने अदालत से अनुरोध किया है कि इस मामले की जांच एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के माध्यम से कराई जाए, जिसका नेतृत्व एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करें।
मुख्य न्यायाधीश ने अपने अवलोकन में कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में परीक्षा के उत्तरपत्रों के लीक होने, यौन उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं, जो बहुत ही चिंताजनक हैं। राज्य के वकील ने बताया कि इन आरोपों को संज्ञान में लेने के बाद कई कदम उठाए गए हैं। कई आरोपितों को बर्खास्त किया गया है और कुछ का तबादला भी किया गया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार और नेशनल मेडिकल काउंसिल को यह बताना होगा कि इस मामले में क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। इसके लिए एक विस्तृत हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर