नेपाल : ॐ शब्द हटाने के सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया
काठमांडू, 23 जून (हि.स.)। नेपाल सरकार के तरफ से शब्दकोश से ॐ शब्द को हटाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट
नेपाल : ॐ शब्द हटाने के सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया


काठमांडू, 23 जून (हि.स.)। नेपाल सरकार के तरफ से शब्दकोश से ॐ शब्द को हटाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने ॐ के साथ ही कोई भी संयुक्ताक्षर को शब्दकोष से हटाने के आदेश को निरस्त कर दिया है।

सन् 2012 में शिक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत रहे पाठ्यक्रम विकास केन्द्र ने एक निर्णय करते हुए शब्दकोश से ॐ शब्द को हटाने का निर्णय किया था। केन्द्र के इस फैसले को सही ठहराते हुए तत्कालीन शिक्षा मंत्री दीनानाथ शर्मा ने सभी पाठ्य पुस्तक से ॐ शब्द को हटाने का लिखित निर्देश दिया था। शिक्षा मंत्री के इसी फैसले के खिलाफ में सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर किया गया था। 09 अगस्त 2012 को शिक्षा मंत्री के द्वारा दिए गए निर्देश पर 13 अगस्त 2012 को रिट दायर की गई था। करीब 12 साल के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सपना प्रधान मल्ल और जस्टिस सारंगा सुवेदी की डबल बेंच में इस रिट पर अपना अन्तिम फैसला दिया है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पाठ्यक्रम विकास केन्द्र का काम पाठ्यक्रम बनाना है, नीति बनाना है। कोर्ट ने कहा कि पाठ्यक्रम विकास केन्द्र का काम व्याकरण बनाना नहीं है। सरकार के तरफ से जो दलील कोर्ट में दी गई थी उस पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए पाठ्यक्रम विकास केन्द्र को अपनी हदें पार करते हुए व्याकरण में बदलाव करने का कोई अधिकार नहीं है। इसके अलावा कोर्ट ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री के निर्देश को भी निरस्त कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि शिक्षा मंत्री के लिखित आदेश का कोई मतलब नहीं है। शब्दकोष से ॐ शब्द को हटाने के सभी स्तर के फैसले और निर्देशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश कोर्ट के तरफ से दिया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज दास/आकाश