नीम के पेड़ पर लटका मिला संदिग्ध अवस्था में अधेड़ का शव
--पत्नी ने लगाया परिजनों द्वारा हत्या कर शव को लटकाने का आरोप --पांच दिन पहले परिजनों ने मृतक के साथ
फोटो-23एचएएम- 1नीम के पेड़ पर लटका मिला संदिग्ध अवस्था में अधेड़ का शव


--पत्नी ने लगाया परिजनों द्वारा हत्या कर शव को लटकाने का आरोप

--पांच दिन पहले परिजनों ने मृतक के साथ सम्पत्ति बंटवारे को लेकर की थी मारपीट

हमीरपुर, 23 जून (हि.स.)। रविवार को राठ कसबे के हमीरपुर रोड़ स्थित साईं मंदिर के पास एक नीम के पेड़ पर एक अधेड़ का शव फांसी पर लटका मिलने से सनसनी फैल गई। आसपास मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं परिजनों ने हत्या कर शव को लटकाने का आरोप लगाया है।

जरिया थाने के पचखुरा गांव निवासी मूरत सिंह (55) अपने परिवार के साथ रहता था। बीते पांच दिन पहले सम्पत्ति के विवाद के चलते परिवार के ही कुछ लोगों ने घर में घुसकर मूरत सिंह के साथ मारपीट की थी। अगले दिन 19 जून को मूरत सिंह ने पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को ऑनलाइन शिकायती पत्र भेजकर और राठ कोतवाली सहित जरिया थाने में पहुंचकर लिखित तहरीर दी थी।

सम्पत्ति विवाद के चलते परिवार के आधा दर्जन लोगों पर घर में घुसकर मारपीट करने एवं उसकी हत्या करने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई थी। परंतु पुलिस ने पीड़ित की नहीं सुनी। वहीं घटना को लेकर मृतक की पत्नी आशा ने परिवार के लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। बताया कि उसकी कोई संतान नहीं है। जिसके चलते उसके परिवार के लोग उसकी सम्पत्ति हड़पना चाहते थे। इसी लालच के चलते परिवार के ही लोगों ने उसके पति की हत्या कर शव को फांसी के फंदे पर लटका दिया है। कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर ने बताया कि मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कराई जाएगी।

18 जून को हुई थी मूरत सिंह के साथ मारपीट

फांसी के फंदे पर लटके मिले मूरत सिंह का उत्पीड़न कई रोज से पारिवारिक सदस्यों द्वारा किया जा रहा था। इन लोगों ने उसके मकान में भी कब्जा कर रखा था। वह कई दिनों से पुलिस के चक्कर लगा रहा था। थाना जरिया के पचखुरा गांव में 18 जून को मूरत सिंह के साथ घर में घुसकर मारपीट हुई थी। उसकी पत्नी आशा को भी पीटा गया था। पति-पत्नी बचते बचाते वहां से निकले और घटना की तहरीर पुलिस को दी। लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ। १८ जून को पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिलने के बाद मूरत सिंह ने खुद की हत्या की आशंका भी जताई थी। यदि समय रहते पुलिस इस पारिवारिक झगड़े को गम्भीरता से लेती तो शायद मूरत की जान बच सकती थी।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज//विद्याकांत