कैथल: डकैती और लूट के 6 दोषियों को 10-10 साल कैद, 60-60 हजार जुर्माना
पिस्तौल और हथियारों के बल पर बैंक को लूटने का प्रयास कैथल, 8 मई (हि.स.)। अतिरिक्त सेशन जज डॉ. नंदिता
सांकेतिक चित्र


पिस्तौल और हथियारों के बल पर बैंक को लूटने का प्रयास

कैथल, 8 मई (हि.स.)। अतिरिक्त सेशन जज डॉ. नंदिता कौशिक की अदालत ने बुधवार को लूट और डकैती के 6 दोषियों को 10-10 साल के कठोर कारावास और प्रत्येक को 60000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं देने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

सुरजीत सिंह निवासी गांव सोथा ने थाना सदर में 6 जून 2020 को मुकदमा नंबर 155 दर्ज करवाया था। स्टेट की ओर से केस की पैरवी उप जिला न्यायवादी सुखदीप सिंह ने की। कोर्ट फाइल के हवाले से सुखदीप सिंह ने बताया कि सुरजीत सिंह एचडीएफसी बैंक व एटीएम गांव क्योङक़ में गार्ड की ड्यूटी पर लगा हुआ था। 5 जून 2020 की रात को वह हर रोज की तरह बैंक व एटीएम की सिक्योरटी में तैनात था। रात करीब 1 बजे एक कार में से पांच युवक उतर कर आए जिनमें से एक लङक़े के हाथ में पिस्तौल व अन्य के हाथों में तलवार, लोहे के सरिये व राड़ थी। पिस्तौल लिए हुआ युवक उसे पकङक़र साथ लगते टैंट हाउस में जबरदस्ती ले गया और उसकी कनपटी पर पिस्तौल लगाकर जबरदस्ती बैंक की चाबियां व फोन छीन लिया। उन्होंने सुरजीत को दुकान में रखी कुर्सी से रस्सी से बांध दिया। एक युवक उस पर पिस्तौल तानकर खङ़ा रहा, बाकि सभी बैंक व एटीएम में घुस गए और बैंक में तोडफ़ोड़ करने लगे गए। कुछ समय बाद पुलिस की एक गाड़ी सायरन बजाती हुई बैंक के सामने आई जिससे डरकर पिस्तौल ताना हुआ युवक भाग गया। पुलिस सुरजीत की आवाज सुनकर दुकान में आए और उसे कुर्सी से खोला।

इस बीच सभी युवक अन्धेरे का फायदा उठाकर भागने लगे। उनका पीछा कर एक युवक को पकड़ लिया। पूछताछ पर युवक ने अपना नाम संदीप निवासी कैथल बताया। वारदात की सूचना मिलने पर बैंक मैनेजर संदीप शर्मा भी मौके पर आ गए। संदीप से पूछताछ पर बाकी आरोपियों की पहचान रमन निवासी पट्टïी अफगान, नरेश उर्फ निक्का निवासी खुराना रोड, पम्मु उर्फ पवन निवासी खुराना रोड कैथल, सम्मी उर्फ गौरव निवासी पेहवा, सन्नी उर्फ सरवन निवासी पटियाला के रूप में हुई। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर चालान अदालत में पेश कर दिया। मामले में कुल 18 गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद गवाहों और सबूतों की रोशनी में एडीजे डा. नंदिता कौशिक ने सभी छह को दोषी पाया तथा अपने 58 पेज के फैसले में सभी को दस-दस साल कठोर कारावास और प्रत्येक को 60-60 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

हिन्दुस्थान समाचार/नरेश /संजीव