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जम्मू, 8 मई (हि.स.)। शहर के गंग्याल के परशुराम मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में बुधवार देर शाम को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। कृष्ण भगवान को बाल रूप में जैसे ही वासुदेव टोकरे में रख कर सिर में उठाये पंडाल में पहुंचे तो उनके दर्शनों के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े, जिसके बाद नी मैं नचना शाम दे नाल अज मेनू नच लैन दे के भजन पर पूरा पंडाल नाच उठा।
कथा व्यास जोगेन्द्र जी महाराज ने कहा कि कलयुग में भागवत की कथा सुनने मात्र से हर प्राणी को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथावाचक ने कहा कि भागवत कथा एक ऐसी कथा है जिसे ग्रहण करने मात्र से ही मन को शांति मिलती है। भागवत कथा सुनने से अहंकार का नाश होता है। भागवत कथा के आयोजन से श्रद्धालुओं में खुशी का माहौल है। भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। कथा वाचक ने कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया। आयोजको द्वारा व आरती व पूजा पाठ के बाद संगत के लिए प्रसाद आदि भी वितरित किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान