तमिलनाडु राजमार्ग विभाग ने नीलगिरी में भूस्खलन रोकने को अपनाया मिट्टी की कील लगाना तकनीक, हाइड्रो-सीडिंग और जियो ग्रिड विधि
चेन्नई (तमिलनाडु) , 30 मई (हि.स.)। तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित नीलगिरी में घाट रोड के साथ भूस्खलन को
तमिलनाडु राजमार्ग विभाग ने नीलगिरी में भूस्खलन रोकने को अपनाया मिट्टी की कील लगाना तकनीक, हाइड्रो-सीडिंग और जियो ग्रिड विधि


चेन्नई (तमिलनाडु) , 30 मई (हि.स.)। तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित नीलगिरी में घाट रोड के साथ भूस्खलन को रोकने के लिए किया जा रहे प्रयास में तमिलनाडु राज्य राजमार्ग विभाग ने अभिनव समाधान निकाले हैं जो ढलानों पर मिट्टी को मजबूत करेंगे। ढलानों के बेहतर स्थिरीकरण के लिए, राजमार्ग विभाग द्वारा ऊटी-कोटागिरी-मेट्टुपलायम रोड के साथ भूस्खलन की आशंका वाले स्थानों पर मिट्टी को रोकने के लिए कील लगाने जैसी विधि अपनाने और हाइड्रो-सीडिंग तथा जियो ग्रिड विधि का प्रयोग किया जा रहा हैं।

विभान ने बताया कि मिट्टी की कील लगाना एक ऐसी भू-तकनीकी इंजीनियरिंग का कारनामा है जिसमें मिट्टी को मजबूत करने के लिए उसमें लोहे की छड़ें डाली जाती हैं। इसके साथ-साथ हाइड्रो-सीडिंग में मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए उस पर घास उगाना और ढलानों पर बुनी हुई स्टील की चटाई का जियो ग्रिड उपयोग करना शामिल है। इस विधि को अपनाने के लिए नीलगिरी में भूस्खलन की आशंका वाले 284 स्थानों की पहचान की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ आर. बी. चौधरी/प्रभात